नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): आखिरकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस का दामन थामने से इनकार कर दिया। पिछले 15 दिनों से अटकलें चल रही थीं कि प्रशांत कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। प्रशांत ने इस पर खुद ही विराम लगा दिया और कहा कि कांग्रेस को मेरी नहीं, अच्छी लीडरशिप और बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत है।
इसके पहले प्रशांत किशोर ने करीब 600 पेज का प्रेजेंटेशन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं को दिया था। फिर सोनिया गांधी ने 8 सदस्यों की कमेटी से PK को पार्टी में शामिल करने पर सलाह मांगी थी। कमेटी ने प्रशांत से कांग्रेस में आने से पहले बाकियों का साथ छोड़ने को कहा था। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके कहा कि प्रशांत किशोर के साथ बैठक और चर्चा के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए एक समिति का गठन किया था।प्रशांत किशोर को इस समिति के सदस्य के रूप में पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. सुरजेवाला ने आगे कहा कि हम पार्टी को दिए गए उनके प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं।
सुरजेवाला के बयान के बाद खुद PK ने यह साफ कर दिया कि वे कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे हैं। प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके कहा, ‘मैंने EAG एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप के रूप में पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के कांग्रेस के उदार प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। मेरी विनम्र राय में, परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से गहरी जड़ें जमाने वाली संरचनात्मक समस्याओं को ठीक करने के लिए पार्टी को मुझसे अधिक नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
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प्रशांत किशोर के मुताबिक कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बीजेपी को हराने की स्थिति में नहीं है। केंद्र की सत्ता पर कांग्रेस का दावा तभी मजबूत होगा जब वो अपने दम पर 100 से ज्यादा सीटें जीत कर लाए। ऐसे में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में गठबंधन के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव दिया था। PK का प्लान था कि कांग्रेस को इन राज्यों में गठबंधन के साथ उतरना चाहिए, जहां पर क्षेत्रीय दल मजबूत हैं।
जानकारी के मुताबिक PK ने कांग्रेस को 600 पेज का जो प्रेजेंटेशन दिया था, उसमें बताया गया था कि पार्टी को सत्ता में वापसी के लिए क्या करना होगा। उन्होंने तीन फॉर्मूले बताए थे। पहला- कांग्रेस पूरे देश में सिर्फ अकेले चुनाव लड़े। दूसरा- कांग्रेस बीजेपी और मोदी को हराने के लिए सभी पार्टियों के साथ आए और UPA को मजबूत करे। तीसरा- कुछ जगहों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े और कुछ जगहों पर सहयोगियों के साथ मिलकर लड़े।
बहरहाल, कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की प्रशांत किशोर की एंट्री पर फिलहाल विराम लग गया है।हालांकि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग भी नहीं चाहता था कि प्रशांत किशोर की पार्टी में शीर्ष स्तर पर एंट्री हो। साथ ही प्रशांत किशोर को अन्य पार्टियों से दूरी बनाने को भी कहा गया था।
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