नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): शिवसेना ने मुखपत्र सामना में शिंदे सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना ने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस लंगड़े घोड़े पर सवार होकर आए हैं ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएंगे। शिवसेना नेता संजय राउत ने शिंदे सरकार पर तंज कसा है कि जाने वाले बहाने ढूंढ़ते हैं। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया है। इसके साथ ही शिवसेना के मुखपत्र सामना ने अपने चिर परिचित अंदाज में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हमला किया है।
शिंदे सरकार पर हमला बोलते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने भी बाला साहेब और उद्धव ठाकरे की फोटो ट्वीट कर कहा है कि जाने वाले बहाने ढूंढ़ते हैं। सामना में कहा गया है कि देवेंद्र फडणवीस लंगड़े घोड़े पर सवार होकर आए हैं, ज्यादा दिन टिक नहीं पाएंगे। इसके साथ ही सामना में उद्धव की सेना से शिंदे की सेना में आए विधायक संतोष बांगर पर भी हमला बोला है।
सामना में कहा गया कि बीजेपी समर्थित शिंदे गुट की सरकार ने विधानसभा में बहुमत परीक्षण जीत लिया है। इसमें खुशी या दुख हो, ऐसा कुछ नहीं है. जिन परिस्थितियों में शिंदे सरकार बनी है उसके पीछे के प्रेरणास्थलों को देखें तो महाराष्ट्र में दूसरा कुछ होगा इसका विश्वास नहीं था। सामना में आगे कहा, “मैं फिर आया और औरों को भी साथ लेकर आया, ऐसा बयान इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने दिया, जो कि मजेदार है। जिस तरह से वे आए, वह उनके सपने में भी नहीं रहा होगा। पहले के ढाई साल वे आए ही नहीं और अभी भी दिल्ली की जोड़-तोड़ से वे लंगड़े घोड़े पर बैठे हैं। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं, ये उन्हें भूलना नहीं चाहिए।
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महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हुआ इसमें सिद्धांत, नैतिकता और विचारों का समावेश भी नजर नहीं आता है. हम ही बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक, ऐसा एहसास कराकर करीब चालीस लोग विधिमंडल से बाहर निकलते हैं। 106 विधायकों का मुख्यमंत्री नहीं बनता और 39 बागियों का मुख्यमंत्री बन जाता है।इसमें गोलमाल है, ऐसी जो चेतावनी पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दी, इसकी गंभीरता शिंदे गुट में गए लोगों को ध्यान में आज नहीं आएगी क्योंकि उनकी आंखें बंद हैं।
सामना ने लिखा कि हिंगोली के विधायक संतोष बांगर विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव तक शिवसेना के पक्ष में खड़े थे।24 घंटों में ऐसा क्या हुआ कि विश्वास मत प्रस्ताव के समय ये ‘निष्ठावान’ शिंदे कैंप में शामिल हो गए।शिवसेना में रहने की वजह से इस निष्ठावान विधायक का हिंगोली की जनता ने भव्य स्वागत किया था। वहीं, बांगर सोमवार को शिंदे गुट में भाग गए इसलिए विश्वास सिर्फ पानीपत में गिरा था ऐसा नहीं है, बल्कि प्रत्यक्ष महाराष्ट्र में भी कई ‘विश्वासराव’ भाग गए. बहुमत परीक्षण के समय बीजेपी समर्थित शिंदे समूह को 164 विधायकों ने समर्थन दिया और विरोध में 99 मत पड़े।
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हालांकि कांग्रेस, राष्ट्रवादी के कुछ विधायक बहुमत परीक्षण के समय अनुपस्थित रहे। अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार जैसे वरिष्ठ मंत्री विधानसभा में नहीं पहुंच सके, इस पर हैरानी होती है. देवेंद्र फडणवीस ने बहुमत परीक्षण सफल बनानेवाली अदृश्य शक्तियों का आभार माना है। सामना में शिवसेना ने कहा है कि शिंदे सरकार महाराष्ट्र की जनता का विश्वास नहीं है। सामना में कहा गया कि शिंदे कितने मजबूत, महान नेता हैं इस पर उन्होंने भाषण दिया, परंतु फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से रोकनेवाली अदृश्य शक्ति कौन है? यह सवाल महाराष्ट्र के समक्ष खड़ा है. विधानसभा में भाजपा व शिंदे गुट ने विश्वास मत प्रस्ताव पास करा लिया, यह चुराया हुआ बहुमत है।यह कोई महाराष्ट्र की 11 करोड़ जनता का विश्वास नहीं है।शिंदे गुट पर विश्वास व्यक्त करने के दौरान बीजेपी के विधायकों का भी दिमाग विचलित हो गया होगा। फडणवीस द्वारा दिए गए अभिनंदन भाषण के दौरान कर्ज मुक्त होने जैसा सीधे-सीधे उनके चेहरे पर स्पष्ट दिख रहा था।
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