(अनिल कुमार ): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि गुरुग्राम और नूंह में अरावली पर्वत श्रृंखला में 10,000 एकड़ क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित किया जाएगा। इसके लिए गुरुग्राम में 6000 एकड़ और नूंह में 4000 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। यह परियोजना दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी परियोजना होगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान में अफ्रीका के बाहर सबसे बड़ा क्यूरेटेड सफारी पार्क शारजाह में है, जिसका क्षेत्रफल करीब दो हजार एकड है। इस जंगल सफारी पार्क में 10 ज़ोन होंगे, जिसमें एक बड़ा हर्पेटेरियम, एवियरी/बर्ड पार्क, बिग कैट्स के चार जोन, शाकाहारी जानवरों के लिए एक बड़ा क्षेत्र, विदेशी पशु पक्षियों के लिए एक क्षेत्र, एक अंडरवाटर वर्ल्ड, नेचर ट्रेल्स/विजिटर/टूरिज्म जोन, बॉटनिकल गार्डन/बायोमेस, इक्वाटोरियल/ट्रॉपिकल/कोस्टल/डेजर्ट इत्यादि होंगे। इसी संबंध में केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शारजाह जंगल सफारी का दौरा करने गए थे। इस जंगल सफारी योजना के विकसित होने से न केवल राज्य में पर्यटन को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के पर्याप्त अवसर भी प्रदान होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सफारी पार्क में सुविधाओं के डिजाइन व संचालन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाली कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। वहीं एक अरावली फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी जो परियोजना का प्रबंधन करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इसके लिए क्षेत्र का मूल्यांकन अध्ययन किया और इस तरह के पार्क की स्थापना की तकनीकी व्यवहार्यता पर सहमति व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगल सफारी विकसित होने से एक ओर जहां इस पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों से यहां काफी संख्या में लोग पर्यटन के लिए आएंगे जिससे स्थानीय लोगों के लिए बहुत सारे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। आसपास के गांवों में ग्रामीणों को होम स्टे पॉलिसी के तहत लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य विदेशों में अंत्योदय परिवारों के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। सरकार इसके लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाने और प्रदेश में एक सहज कारोबारी माहौल बनाने के लिए दुबई दौरा एक ‘मिशन टूर’ था। इसके अलावा, इस दौरे का उद्देश्य राज्य के युवाओं के लिए कौशल आधारित रोजगार के अवसरों की संभावनाएं तलाशना भी था। उन्होंने कहा राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए दुबई में 8 प्लेसमेंट कंपनियों के साथ बातचीत की गई है। उन्हें राज्य के युवाओं के लिए कुशल और अर्ध-कुशल मानव शक्ति प्रदान करने का प्रस्ताव दिया और राज्य सरकार आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए भी तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा में अपना कौशल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की इच्छुक इन कंपनियों को सहयोग देने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि इन प्लेसमेंट कंपनियों के साथ हुई इन विस्तृत चर्चाओं के नतीजे हमारे दौरे के सिर्फ 14 घंटों में सामने आए, क्योंकि एक कंपनी ने हाउसकीपिंग जॉब के लिए हरियाणा से मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए हमसे संपर्क किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों में नौकरियों के लिए पीपीपी पोर्टल पर पंजीकृत अंत्योदय परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। दौरे के दौरान, हरियाणा की प्रमुख मेगा परियोजनाएं जैसे ग्लोबल सिटी प्रोजेक्ट, जोकि 1080 एकड़ में विकसित की जा रही एक मिक्स्ड लैंड उपयोग परियोजना है, जिसमें जीवन की गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे और परिवेश के मामले में किस प्रकार यह परियोजना भविष्य के शहर के लिए एक आदर्श सिटी की परिकल्पना की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम में 1080 एकड़ में विकसित की जा रही ग्लोबल सिटी एक मिक्स्ड लैंड उपयोग परियोजना है, जिसमें जीवन की गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे और परिवेश के मामले में किस प्रकार यह परियोजना भविष्य के शहर के लिए एक आदर्श सिटी की परिकल्पना की गई है। पहले चरण में 250 एकड़ क्षेत्र की निलामी नवंबर, 2022 में शुरू की जाएगी। इसी प्रकार, अन्य क्षेत्र की निलामी भी चरणबद्ध तरकी से की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अपनी दुबई यात्रा के दौरान अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के साथ हरियाणा में निवेश के प्रमुख अवसरों पर विस्तृत चर्चा की। एडीआईए दुनिया के सबसे बड़े निवेश प्राधिकरणों में से एक है। इस दौरान हरियाणा को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने और राज्य की बड़ी व प्रमुख परियोजनाओं में निवेश करने के अवसरों पर विचार-विमर्श किया गया।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि अबू धाबी में एल्डार ग्रुप के साथ राज्य सरकार के ग्लोबल सिटी प्रोजेक्ट पर चर्चा की। चर्चा का उद्देश्य ग्लोबल सिटी प्रोजेक्ट के विपणन और ग्रुप के मूल्यवान इनपुट प्राप्त करना था, ताकि परियोजना में भाग लेने में उनकी रुचि बढ़े। मुख्यमंत्री ने दुबई में डीपी वर्ल्ड के चेयरमैन और सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलेयम के साथ भी एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में नांगल चौधरी में एकीकृत मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब परियोजना पर चर्चा की गई और ग्रुप से उनके सुझाव मांगे गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 207 मंडियों में खरीफ फसलों की निर्बाध खरीद की जा रही है। 4 अक्टूबर तक विभिन्न एजेंसियों द्वारा मंडियों में 11 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हैफेड द्वारा अब तक 16,000 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की गई है। इस वर्ष बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 रुपये प्रति क्विंटल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेमौसम बारिश से निश्चित रूप से किसानों की फसल का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार द्वारा फैसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। इसके अलावा, किसानों को अपनी फसल क्षति का ब्योरा ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया है ताकि उन्हें समय पर मुआवजा मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सत्यापन प्रक्रिया और फसल नुकसान के मुआवजे में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।