Parliament: लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में राष्ट्रगीत वंदे मातरम पर जोरदार बहस हुई।गृहमंत्री अमित शाह ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस को निशाने पर लिया। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जब वंदे मातरम के 50 वर्ष पूरे हुए, तब नेहरू जी ने इसे दो टुकड़ों में बांट दिया। तुष्टिकरण की राजनीति के चलते इसका विरोध किया गया। 100 वर्ष पूरे होने पर तो इंदिरा जी ने आपातकाल लगा दिया और बोलने वालों को जेल में डाल दिया। Parliament:
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गृहमंत्री ने कहा कि यह सदन के रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए कि विपक्ष वंदे मातरम का विरोध करता है! गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि बंकिम चंद्र की 130वीं जयंती पर हमारी सरकार ने स्टांप जारी किया, लेकिन कांग्रेस ने हमेशा इसे दबाने की कोशिश की। गृहमंत्री ने साफ कहा – “वंदे मातरम भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक है। जो इसे बंगाल चुनाव से जोड़ रहे हैं, उनकी समझ पर सवाल है।” Parliament:
गृहमंत्री शाह ने साफ तौर पर कहा कि कुछ दलों द्वारा ‘वंदे मातरम’ के महत्व को कमज़ोर करने की कोशिश की जा रही है, और यह देश की अस्मिता से जुड़ा मामला है। गृहमंत्री ने कहा, “जो लोग ‘वंदे मातरम’ गाने या उसके सम्मान में खड़े होने से परहेज़ करते हैं, उन्हें देश की जनता को जवाब देना होगा। गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी बात रखते हुए विपक्ष पर सीधा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष राष्ट्रीय प्रतीकों और राष्ट्रीय भावनाओं के प्रति सम्मान नहीं दिखा रहा है। गृहमंत्री के इस हमले पर, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोर्चा संभाला और उन्होंने तुरंत जोरदार पलटवार किया। Parliament:
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खरगे ने आरोप को सिरे से ख़ारिज कर दिया कि विपक्ष राष्ट्र-विरोधी है। खरगे ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा, “हमेशा से कांग्रेस पार्टी ने ‘वंदे मातरम’ और राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान किया है।राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह के बयानों का ऐसा पलटवार किया कि सदन में जोरदार हंगामा हो गया। खड़गे ने न सिर्फ शाह को घेरा, बल्कि पूरी BJP-RSS को देशभक्ति का लेक्चर देने का आरोप लगाया वंदे मातरम को पहली बार 1896 के कांग्रेस अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर ने गाया था। लेकिन आपकी सरकार असल मुद्दों – महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान भटकाने के लिए इसे उठा रही है। अमित शाह जी, नेहरू पर हमला मत कीजिए। नेहरू ने देश को एकजुट किया, जबकि आप तुष्टिकरण का आरोप लगाते हैं!“ Parliament:
खरगे ने आगे कहा कि सरकार हर मुद्दे को राजनीतिक रंग देना बंद करे और मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे भावनात्मक मुद्दों का इस्तेमाल न करे। उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई, बेरोज़गारी और किसानों के मुद्दों पर सदन में चर्चा से भाग रही है, और इसलिए जानबूझकर यह नया विवाद खड़ा किया गया है। खरगे का यह पलटवार सुनकर BJP सांसद भड़क गए।नेता सदन जेपी नड्डा ने बीच में टोका – “डिबेट का दायरा होता है, हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विषय से भटकें नहीं।सदन में नारेबाजी हुई, स्पीकर को बार-बार सदन शांत करने पड़े। खड़गे ने अंत में ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए, जो सदन में गूंजे। बहरहाल राष्ट्रीय गीत पर हुए इस टकराव ने सदन में गर्मी पैदा कर दी है। एक तरफ़ सरकार विपक्ष पर राष्ट्रीय भावना के अपमान का आरोप लगा रही है, वहीं विपक्ष ने इसे सरकार की ‘ध्यान भटकाओ’ रणनीति बताया है। Parliament:
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