उत्तर प्रदेश में स्थित रामलला के धाम अयोध्या में सावन का झूलनोत्सव मेला आज से शुरू हो रहा है, जिसमें 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इस झूलनोत्सव मेले के दौरान रामलला के मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ होगी। राम मंदिर निर्माण के बाद पहली बार रामलला 29 जुलाई से सोने-चांदी से निर्मित हिंडोला झूले पर विराजमान होकर भक्तों को दिव्य दर्शन देंगे। मणिपर्वत पर मेले के आयोजन की सभी तैयारियां हो चुकी हैं।
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आपको बता दें, उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में सावन माह में आयोजित होने वाले इस झूलनोत्सव मेले में श्रद्धा और संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। झूलनोत्सव की यह परंपरा काफी प्राचीन है और मणिपर्वत से जुड़ी हुई है जहां इसका भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था समेत कई और इंतजाम भी किए गए है। मंदिर की सुरक्षा को मजबूत किया गया है, जिसमें 3000 सुरक्षाकर्मी और 850 सीसीटीवी कैमरे भी शामिल हैं।
मेले की विशेषताएं:
अयोध्या में झूलनोत्सव मेला सावन शुक्ल तृतीया से शुरू होकर रक्षाबंधन तक चलेगा। मणिपर्वत पर इस आयोजन को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। पूरे अयोध्या धाम में झूलनोत्सव मेले की धूम देखने को मिलेगी। 65 फीट ऊंचा मणि पर्वत वही ऐतिहासिक धरोहर है, जहां भगवान राम माता सीता के साथ हिंडोला पर झूला झूलते थे। इस मेले में 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
मेले का महत्व:
धार्मिक महत्व की बात करें तो सावन झूलनोत्सव मेला अयोध्या का एक पारंपरिक उत्सव है, जिसमें भगवान राम और माता सीता की पूजा की जाती है और उन्हें हिंडोले पर झुलाया जाता है। मणि पर्वत अयोध्या की वह ऐतिहासिक धरोहर है, जो त्रेतायुग से चली आ रही परंपरा को दर्शाता है और यहां प्राचीन काल से झूलनोत्सव मेले की यह परंपरा चली आ रही है।