दिल्ली।(रिपोर्ट- दिवांशु मल्होत्रा) दिल्ली सरकार पर आज तक एमसीडी का फंड रोकने के आरोप लगते थे लेकिन अब दिल्ली सरकार पर दिल्ली विश्वविद्यालय के करीब एक दर्जन कॉलेजों का फंड रोकने का आरोप लगा है। जिसकी वजह से पिछले 4 महीने से करीब एक दर्जन कॉलेजों के स्टाफ को सैलरी नहीं मिली है। जिसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के टीचरों ने मंडी हाउस पर प्रदर्शन किया है।
आपको बता दें, केजरीवाल सरकार पर डीयू के करीब एक दर्जन कॉलेजों का फंड रोकने के आरोप लगे हैं। सैलरी ना मिलने से नाराज दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को दिल्ली के मंडी हाउस पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन का ऐसा कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के करीब 12 ऐसे कॉलेज हैं जिसका 100 फीसदी फंड दिल्ली सरकार से आता है लेकिन पिछले करीब 4 महीनों से दिल्ली सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के उन 12 कॉलेजों को फंड जारी नहीं किया है। जिसके कारण से इन 1 दर्जन कॉलेजों के टीचरों और तमाम स्टाफ को पिछले करीब 4 महीने से सैलरी नहीं मिली है जिसकी वजह से उनको अपना जीवन व्यतीत करने में काफी दिक्कत हो रही है।
सैलरी ना मिलने से नाराज उन 12 कॉलेजों के टीचर्स आज मंडी हाउस पर पहुंचे और यहां उन्होंने ह्यूमन चेन बनाकर केजरीवाल सरकार से जल्द से जल्द फंड जारी करने की अपील की। इस मौके पर टीचरों का साफ कहना था कि आखिर उनको खुद यह समझ नहीं आ पा रहा है कि दिल्ली सरकार उनका फंड क्यों रोककर बैठी है, इसलिए वह बड़ी संख्या में मंडी हाउस पर पहुंचकर केजरीवाल सरकार से शांतिपूर्वक प्रदर्शन के जरिए अपनी सैलरी की मांग कर रहे हैं। मंडी हाउस पर मौजूद दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचरों का साफ कहना है कि करीब 2000 शिक्षकों का ऐसा स्टाफ है जिनको पिछले करीब 4 महीने से सैलरी नहीं मिली है, जिससे उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मंडी हाउस पर पहुंचे यह वो तमाम टीचर हैं जो देश का भविष्य बनाते हैं लेकिन आज यही टीचर सैलरी ना मिलने की वजह से सरकार के आगे हाथ जोड़कर खड़े हैं। अब देखना ये होगा कि आखिर कब केजरीवाल सरकार इन शिक्षकों की गुहार को सुनती है।
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