Street Lights: चांदनी रात और सड़कों पर धीमी रोशनी में घूमना बहुत से लोगों की पसंद होती है। लेकिन आपको पता है कि रात में हमें दिखने वाली रोशनी भी हमारी सेहत के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है। वैज्ञानिकों ने पाया कि स्ट्रीट लाइट्स की चमकदार रोशनी हमारे शरीर की बायोलॉजिकल संरचना को नुकसान पहुंचा सकती है, जो कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
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बता दें, रात में तेज स्ट्रीट लाइट्स के संपर्क में रहने से स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ सकता है। चीन में 28 हजार से अधिक लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि रात में अधिक चमकदार रोशनी में रहने से स्ट्रोक का खतरा 43% बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने उपग्रह चित्रों का उपयोग करके लोगों के घरों के आसपास की रोशनी की मात्रा मापी। फिर उन्होंने इन लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि अधिक रोशनी वाले घरों में स्ट्रोक होने की संभावना अधिक थी।
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शोधकर्ताओं का मानना है कि शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन का उत्पादन तेज रोशनी से कम हो जाता है। मेलाटोसिन नींद में सुधार करने में मदद करता है। नींद की समस्याएं और शरीर पर कई अन्य नेगेटिव प्रभाव कम मेलाटोनिन से हो सकते हैं। अध्ययन के लेखकों ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्ट्रीट लाइट्स से होने वाले संभावित नुकसान के बारे में सोचना चाहिए और कम प्रकाश वाले विकल्पों पर विचार करना चाहिए। एक्सपर्ट्स इससे बचने लोगों से रात को कम रोशनी का उपयोग करने की सलाह देते हैं। सोते समय कमरे को बिल्कुल अंधेरा रखें। नींद को बाधित करने वाली नीली रोशनी से बचने के लिए सोने से पहले मोबाइल फोन या कंप्यूटर का उपयोग कम करें।