GST: जीएसटी नेटवर्क 1 अक्टूबर से बिल प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) की शुरुआत करेगा। इसकी मदद से करदाता सही इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने के लिए आपूर्तिकर्ताओं की तरफ से जारी रिकॉर्ड/ बिलों का मिलान कर पाएंगे। जीएसटी नेटवर्क ने माल और सेवा कर (जीएसटी) भुगतानकर्ताओं को जारी की गई एडवाइजरी में कहा कि करदाताओं को पोर्टल के जरिये अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ बिलों में सुधार/ संशोधनों के कुशल प्रबंधन के लिए आईएमएस नाम की नई संचार सुविधा शुरू की जा रही है।
Read Also: देश में FDI चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उछाल, 47.8 फीसदी की बढ़ोतरी
जीएसटी रिटर्न दाखिल करने और कर देनदारियों के भुगतान मंच के तौर पर जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) का इस्तेमाल किया जाता है। जीएसटीएन ने कहा, आईएमएस सुविधा से करदाताओं को सही आईटीसी का लाभ उठाने के लिए अपने आपूर्तिकर्ताओं के जारी किए गए रिकॉर्ड/ बिल का मिलान करने में भी सुविधा होगी।
Read Also: सुल्तानपुर में BJP नेता के भतीजे की गोली मारकर हत्या
आईएमएस करदाताओं को चालान को स्वीकार या अस्वीकार करने या इसे प्रणाली में लंबित रखने की अनुमति देगा, जिसका फायदा बाद में उठाया जा सकता है। ये सुविधा करदाताओं को एक अक्टूबर से जीएसटी पोर्टल पर मिलेगी। परामर्श फर्म मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि सभी चालान पर की गई सभी कार्रवाइयों का विस्तृत रिकॉर्ड रखने से आईएमएस जीएसटी ऑडिट के लिहाज से एक मजबूत आधार तैयार करता है।