Space News: वैज्ञानिकों को मिली नई पृथ्वी, सूर्य के अंतिम चरण में बन सकती है रक्षक

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Space News: हमारा अंतरिक्ष (Space) कई सारे रहस्यों से भरा पड़ा है। अक्सर कई लोगों के दिमाग में यह सवाल जरूर उठता होगा कि क्या पृथ्वी जैसा ही कोई दूसरा ग्रह हमारे ब्रह्मांड में मौजूद होगा ? क्या उस पर भी पृथ्वी की तरह जीवन संभव होगा ? इन सभी सवालों का जवाब अब हमारे वैज्ञानिकों ने खोज लिया है। खगोलविदों की एक टीम ने पृथ्वी जैसे ग्रह की खोज की है। यह ग्रह आने वाले समय में पृथ्वी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

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कहां पाया गया पृथ्वी जैसा ग्रह ?

इस ग्रह की खोज सौर मंडल से 4000 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद एक तारे की परिक्रमा करते हुए पाया गया है। इस चट्टानी ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी के समान है। यह धनु तारामंडल में एक White Dwarf के चारों ओर लगाता हुआ देखा गया। जब हमारा सूर्य अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रहा होगा, तब यह ग्रह पृथ्वी के अस्तित्व के  लिए लाभदायक हो सकती है।

इससे पृथ्वी के लिए एक नई उम्मीद जगती है कि सूर्य द्वारा भस्म होने पर यह बच सकती है। साथ ही बाहरी सौर मंडल (Space)  में मानव प्रवास की आशा की किरण जगती है। बृहस्पति के आसपास यूरोपा, कैलिस्टो और गेनीमेड या शनि के पास एन्सेलाडस जैसे चंद्रमा भविष्य की पीढ़ियों के लिए संभावित आश्रय स्थल बन सकते हैं।

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क्या पृथ्वी पर मंडरा रहा खतरा ? 

खगोलविदों का कहना है कि जब सूर्य एक लाल दानव का रूप धारण करेगा तो इससे सूर्य के द्रव्यमान में कमी आती जाएगी। इसके द्रव्यमान में आने वाली कमी दूसरे ग्रहों को इसे दूर की कक्षाओं में धकेलना शुरू कर देगी। अगर ऐसा होता है तो यह पृथ्वी को विनाश से बचा सकती है। साथ ही खगोलविदों का कहना है कि जब सूरज पृथ्वी को निगलेगा तो उस समय यहां जीवन संभव है या नहीं इसके बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता ।

जब सूर्य लाल दानव में तब्दील होगा तो सौर मंडल में रहने योग्य क्षेत्र बाहर की ओर बृहस्पति और शनि की कक्षाओं में बदल जाएगी। उनके कई चंद्रमा जैसे यूरोपा और कैलिस्टो, जीवन का समर्थन करने में सक्षम समुद्री दुनिया बन सकते हैं। उससे पहले मानवता वहां से पलायन कर सकती है।

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क्या है White Dwarf ?

जब किसी तारे का परमाणु ईंधन खत्म हो जाता है और उसकी बाहरी परतें निकल जाती है तो जो बचा हुआ अवशेष होता है उसे White Dwarf कहा जाता है। जब सूरज का परमाणु ईंधन खत्म होगा तो सूर्य विशालकाय गोले में तब्दील हो जाएगा उसके बाद सिकुड़ कर White Dwarf  में बदल जाएगा। जितना इसका विस्तार होगा तो ग्रह मंडल  में उतने ही ग्रह इसकी चपेट में आ सकते हैं। बुध  और शुक्र के भस्म होने की संभावना है।

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