केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जापान के भूमि, अवसंरचना, परिवहन एवं पर्यटन मंत्री हिरोमासा नाकानो के साथ आज सूरत और मुंबई में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के हाई-स्पीड रेल (एचएसआर) निर्माण स्थलों का दौरा किया।
सूरत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जापानी मंत्री का पारंपरिक गरबा के साथ स्वागत किया गया। जापानी मंत्री के स्वागत समारोह में सूरत के सांसद श्री मुकेश दलाल, महापौर श्री दक्षेश मवानी, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, रेलवे, एनएचएसआरसीएल और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सूरत में ट्रैक स्लैब बिछाने के स्थल का दौरा:
मंत्रियों ने सूरत हाई-स्पीड रेल स्थल पर ट्रैक निर्माण स्थल का दौरा किया, जहाँ उन्होंने वायडक्ट पर जे-स्लैब बैलास्ट-रहित ट्रैक प्रणाली की स्थापना देखी। ट्रैक स्लैब स्थापना और स्थायी रेल बिछाने का कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। वहीं केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने सूरत एचएसआर स्टेशन के पास पहले ट्रैक टर्नआउट इंस्टॉलेशन को भी देखा।
मुंबई के बीकेसी एचएसआर स्टेशन का दौरा:
मंत्रियों ने सूरत से मुंबई तक वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा की। उन्होंने मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) बुलेट ट्रेन स्टेशन की प्रगति की समीक्षा की। मंत्री नाकानो और जापानी टीम ने वंदे भारत ट्रेन की गुणवत्ता पर प्रसन्नता व्यक्त की।
मुंबई के बीकेसी बुलेट ट्रेन स्टेशन की मुख्य विशेषताएँ:
बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) स्टेशन मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर एक भूमिगत सुविधा होगी। खुदाई 30 मीटर से ज़्यादा गहरी हो चुकी है, जो एक 10 मंज़िला इमारत के बराबर है, और लगभग 84% काम पूरा हो चुका है। स्टेशन में तीन तल होंगे: प्लेटफ़ॉर्म, कॉन्कोर्स और सर्विस फ़्लोर, और यह सड़क और मेट्रो दोनों से जुड़ा होगा। दो प्रवेश और निकास बिंदु प्रस्तावित हैं—एक मेट्रो स्टेशन के पास और दूसरा एमटीएनएल भवन के पास। यात्रियों की सुविधा के लिए डिज़ाइन किए गए इस स्टेशन में विशाल क्षेत्र और आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, साथ ही प्राकृतिक रोशनी के लिए रोशनदान भी होंगे।
बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति (सितंबर, 2025):
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा है। कुल वायडक्ट में से 323 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है, साथ ही 399 किलोमीटर के पियर का काम भी पूरा हो चुका है। पुल निर्माण के प्रमुख पड़ावों में 17 नदी पुल, 5 पीएससी पुल और 9 स्टील पुलों का निर्माण शामिल है। कुल 211 किलोमीटर ट्रैक बिछाया जा चुका है और कॉरिडोर पर 4 लाख से ज़्यादा ध्वनि अवरोधक लगाए जा चुके हैं। पालघर में सात पर्वतीय सुरंगों के लिए खुदाई का काम चल रहा है, जबकि बीकेसी और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी एनएटीएम सुरंग के 5 किलोमीटर हिस्से में सफलता मिल चुकी है। सूरत और अहमदाबाद में रोलिंग स्टॉक डिपो निर्माणाधीन हैं। गुजरात के सभी स्टेशनों पर अधिरचना का काम अंतिम चरण में है। महाराष्ट्र के सभी तीन एलिवेटेड स्टेशनों पर काम शुरू हो गया है। जापानी मंत्री की यात्रा भारत के पहले हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के कार्यान्वयन में भारत और जापान के बीच मजबूत सहयोग को दर्शाती है।