Lok Sabha: लोकसभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति, डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। Lok Sabha
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री, जगत प्रकाश नड्डा; संसदीय कार्य मंत्री तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्री, किरेन रिजिजू; राज्यसभा में नेता विपक्ष, मल्लिकार्जुन खरगे; लोकसभा में नेता विपक्ष, राहुल गांधी; राज्यसभा के उपसभापति, हरिवंश; केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री, अर्जुन राम मेघवाल; केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री, निमुबेन जयन्तीभाई बांभणिया; सांसदों, पूर्व सदस्यों और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों ने भी इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद को पुष्पांजलि अर्पित की।
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लोकसभा के महासचिव, उत्पल कुमार सिंह ने भी डॉ. राजेंद्र प्रसाद को पुष्पांजलि अर्पित की। लोक सभा सचिवालय द्वारा हिंदी और अंग्रेज़ी में प्रकाशित डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जीवनी से आधारित एक पुस्तिका समारोह में उपस्थित विशिष्ट व्यक्तियों को भेंट की गई। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्र निर्माण में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अमूल्य योगदान का सम्मान करते हुए और उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा : Lok Sabha
भारत के प्रथम राष्ट्रपति और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी की जयंती पर उन्हें हार्दिक नमन। वे स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता, प्रख्यात विधिवेत्ता, कुशल प्रशासक और मानवतावादी थे। महात्मा गांधी के पक्के अनुयायी के रूप में उन्होंने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन में निर्णायक भूमिका निभाई बल्कि स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण में भी अहम योगदान दिया। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी ने संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और बाद में दो बार भारत के राष्ट्रपति बने, जिनसे राष्ट्र के सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन पर उनकी अमिट छाप रही। Lok Sabha
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आधुनिक भारत के प्रमुख निर्माताओं में से एक, डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात विधिवेत्ता और ओजस्वी सांसद थे। जब 1946 में स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा का गठन हुआ, तब उन्हें उसका अध्यक्ष बनने का दायित्व सौंपा गया। इस ऐतिहासिक भूमिका में उन्होंने दृढ़ संकल्प, अनुकरणीय सहनशीलता और दूरदर्शी नेतृत्व के साथ कार्यवाही का मार्गदर्शन और संचालन किया। Lok Sabha
बाद में डॉ. प्रसाद ने भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में लगातार दो कार्यकालों तक कार्य करते हुए देश की प्रारंभिक संवैधानिक और लोकतांत्रिक परंपराओं को अपने ज्ञान , विनम्रता और दूरदर्शिता से आकार दिया। संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के चित्र का अनावरण तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन द्वारा 5 मई 1964 को किया गया था।
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