Bollywood: अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना सोमवार को 52 साल की हो गईं। बॉलीवुड में उनका सफर साहस, नए प्रयोगों और प्रामाणिकता से भरपूर रहा है। उनका जन्म हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित परिवारों में से एक में हुआ। वे सुपरस्टार राजेश खन्ना और मशहूर अभिनेत्री डिंपल कपाडिया की बेटी हैं। ट्विंकल ने छोटी उम्र में ही फिल्म अभिनय में कदम रखा। उन्होंने बॉबी देओल के साथ 1995 में फिल्म “बरसात” से अभिनय की शुरुआत की। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला डेब्यू का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। ये एक नए कलाकार के उदय का संकेत था।
अगले कुछ सालों में अपने दमदार अभिनय से वे हिंदी सिनेमा का जाना-माना चेहरा बन गईं। उन्होंने 1998 में “जब प्यार किसी से होता है”, 1999 में “बादशाह”, 2000 में “मेला” और “जोरू का गुलाम” और 2001 में “लव के लिए कुछ भी करेगा” जैसी मुख्यधारा की कई फिल्मों में काम किया। उम्र के जिस पड़ाव पर ज्यादातर अभिनेताओं को अपने करियर के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, ट्विंकल ने अलग ही रास्ता चुना। 2000 के दशक के शुरू में उन्होंने अभिनय से दूरी बना ली और कैमरे से परे अपनी दिलचस्पियों पर ध्यान दिया। ये एक ऐसा फैसला था, जिसने नए रूप में उनकी बुलंद सार्वजनिक पहचान गढ़ी। Bollywood Bollywood Bollywood
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लेखिका के रूप में उनका नया रूप बेहद कामयाब साबित हुआ। उनकी पहली किताब 2015 में आई। “मिसेज फनीबोन्स” के प्रकाशन के साथ, ट्विंकल ने पाठकों को हास्यपूर्ण और ताजगी भरी अपनी ईमानदारी से परिचय कराया। ये किताब बेस्टसेलर बन गई। फिर 2016 में उनकी “द लीजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद”, 2018 में “पायजामाज आर फॉरगिविंग” और 2023 में “वेलकम टू पैराडाइज” जैसी किताबें आईं। महिलाओं के जीवन, रिश्तों और सामाजिक वास्तविकताओं पर उनके लेखन से पाठक काफी प्रभावित हुए। Bollywood
लेखन के साथ-साथ, ट्विंकल निर्माता भी बनीं। उन्होंने 2008 में “सिंह इज किंग”, 2010 में “तीस मार खां”, 2011 में “पटियाला हाउस”, 2018 में “पैड मैन” और 2019 में “मिशन मंगल” जैसी फिल्में बनाईं। अभिनेता अक्षय कुमार की पत्नी ट्विंकल दो बच्चों की मां हैं – आरव और नितारा। ट्विंकल खन्ना अक्सर परिवार, आजादी और विकल्पों की बात करती हैं। ये ऐसे विषय हैं, जो उनकी शख्सियत में भी झलकते हैं। 52 साल की उम्र में ट्विंकल खन्ना स्टारडम से परे कामयाबी की मिसाल हैं। अभिनेत्री से लेकर बेस्टसेलर लेखिका, निर्माता और सांस्कृतिक टिप्पणीकार तक, उन्होंने अपनी अनूठी पहचान बनाई है। उन्होंने साबित किया है कि ईमानदारी और मकसद को ध्यान में रखकर खुद को गढ़ना जिंदगी का लाजवाब मोड़ है।
