OM Birla: वर्ष 2025 में संसदीय कार्यवाही ने जोड़े नए आयाम-लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला….

OM Birla: वर्ष 2025 भारतीय संसदीय इतिहास के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कुशल नेतृत्व में, न केवल सदन की कार्यक्षमता में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत ने अपनी ‘लोकतंत्र की जननी’ वाली छवि को और सुदृढ़ किया है।  OM Birla:

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वर्ष 2025—एक ऐसा साल जहाँ परंपरा और आधुनिकता का संगम भारत की संसद में देखने को मिला। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के मार्गदर्शन में संसद के इस वर्ष के सत्र रिकॉर्ड उत्पादकता (Productivity) के लिए जाने जाएंगे। देर रात तक चलते सत्र और सार्थक चर्चाओं ने बताया कि सदन अब केवल शोर का केंद्र नहीं, बल्कि समाधान का मंच भी है। ​वर्ष 2025 के दौरान ​विधायी कार्यों में 100% से अधिक की उत्पादकता दर्ज हुई है। वही ​महत्वपूर्ण विधेयकों पर गहन और विस्तार से चर्चा हुई है।​शून्यकाल और प्रश्नकाल के दौरान अधिकतम सदस्यों को अवसर मिला है। OM Birla:

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वही सदन में ‘सबकी भागीदारी’ के मंत्र को साकार करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बहुभाषी समावेशन पर विशेष जोर दिया है। अब संसद के पटल पर क्षेत्रीय भाषाओं की गूंज और अधिक स्पष्ट हुई है। तकनीक के माध्यम से रियल-टाइम अनुवाद की व्यवस्था ने भाषा की बाधा को खत्म कर दिया गया है, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों के प्रतिनिधि अपनी मातृभाषा में देश की समस्याओं को रख पा रहे हैं।भारत की भूमिका केवल घरेलू सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही है। वर्ष 2025 में अंतरराष्ट्रीय संसदीय मंचों पर ओम बिरला ने भारत का प्रभावी नेतृत्व किया है। G-20 देशों के संसदीय अध्यक्षों के सम्मेलन P-20 और अन्य वैश्विक मंचों पर बिरला ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और लोकतांत्रिक मूल्यों का संदेश दिया है। जलवायु परिवर्तन से लेकर सतत विकास तक, भारत की संसद ने दुनिया को नीतिगत दिशा दिखाने का काम किया है।

संसदीय लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए ओम बिरला ने ‘संसदीय पहुंच’ कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं और पंचायतों को जोड़ने का अभियान जारी रखा है। लोकसभा अध्यक्ष का मानना है कि जब देश का युवा विधायी प्रक्रियाओं को समझेगा, तभी लोकतंत्र सशक्त होगा।अनुशासन, शालीनता और निष्पक्षता—ये वो स्तंभ हैं जिन पर ओम बिरला ने 2025 में सदन का संचालन किया है। उनके नेतृत्व में भारत की संसद ने न केवल नए कानून बनाए है, बल्कि विकसित भारत के संकल्प को एक नई ऊर्जा दी है। आज का भारत संसदीय कार्यवाही में न केवल एक प्रतिभागी है, बल्कि एक मार्गदर्शक की भूमिका में भी है।  OM Birla:

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