नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इन दिनों टीम इंडिया के खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर काफी सतर्क है और हर खिलाड़ी को टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए यो यो फिटनेस टेस्ट पास करना होता है।
यो यो टेस्ट के आने के बाद से टीम के खिलाड़ियों की फिटनेस काफी अच्छी हुई है और जिसका असर उनके खेल में साफतौर पर दिखता है।
अनफिट और ओवरवेट खिलाड़ियों को टीम में जगह बनाने के लिए खुद को हर हाल में फिट करना होता है। इसी बीच बीसीसीआई फिटनेस से जुड़ा एक नया टेस्ट लेकर आया है, जिसका नाम है ‘टाइम ट्रायल टेस्ट’।
भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए प्लेयरों को अब यो यो के साथ इस टेस्ट को भी पास करना जरूरी होगा। ‘टाइम ट्रायल टेस्ट’ में खिलाड़ियों की स्पीड और उनकी सहनशीलता चेक की जाएगी।
इस टेस्ट में खिलाड़ियों को 2 किलोमीटर तक की दूरी कवर करनी होगी। जानकारी के मुताबिक, तेज गेंदबाजो को यह टेस्टं 8 मिनट और 15 सकेंड में पूरा करना होगा, जबकि बल्लेबाजों, स्पिन गेंदबाज और विकेटकीपर को यह टेस्ट 8 मिनट और 30 सकेंड में पूरा करना होगा।
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यह टेस्ट के आने से यो यो टेस्ट को खत्म नहीं किया जाएगा, बल्कि अब टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए यह दोनों टेस्ट पास करने होंगे।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि बोर्ड को ऐसा लगा कि फिटनेस को अगल लेवल पर ले जाने के लिए इस समय के फिटनेस स्टैंडर्ड ने बड़ा रोल अदा किया है।
फिटनेस लेवल को अलग लेवल पर लेकर जाया जाए। टाइम ट्रायल एक्सरसाइज हमको मुकाबला करने के लिए बेहतर बनाएगा। बोर्ड हर साल स्टैंडर्ड को बढ़ाता रहेगा।
सौरव गांगुली और जय शाह से जरूरी मंजूरी मिलने के बाद बीसीसीआई के सभी कॉन्ट्रेक्टेड खिलाड़ियों को इस नए टेस्ट और इसको पास करने के मापदड़ों के बारे में जानकारी दे दी गई है।
इस टेस्ट को फरवरी, जून और अगस्त/सितंबर में किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेलने वाले खिलाड़ियों को फरवरी में होने वाले इस टेस्ट से छूट दी गई है, लेकिन लिमिटेड ओवर के लिए चुने गए खिलाड़ियों को इस टेस्ट को पास करना होगा।
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