उत्तराखंड: चमोली आपदा के बाद रुके गए रेस्क्यू ऑपरेशन को एक बार फिर शुरू कर दिया गया है। बीती रात सेना और एनडीआरएफ की टीम के साथ जिला प्रशासन ने बचाव राहत कार्य को फिर से शुरू कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद राहत बचाव कार्य चल रहा है। लेकिन अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद तपोवन सुरंग के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन को रुक दिया गया था।
चमोली आपदा में वहां के स्थानीय लोग परेशान हैं, साथ ही सरकार ने नदी किनारे वाले इलाकों में अलर्ट जारी कर रखा है। सरकार के द्वारा जो भी राहत कार्य के निर्देश दिए गए थे, उनमें बहुत ढिलाई दिखाई दे रही थी। जिससे बाद इस बात की राज्यपाल को शिकायत भी की गई।
वहीं, दूसरी तरफ महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात कर चमोली आपदा पर चर्चा की।
जानकारी के लिए बता दें, अब तक बचाव दल ने 34 शवों को बरामद कर लिया है। जिसमें से 9 शवों की पहचान हो गई है। अभी भी 170 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जिनकी खोज की जा रही है।
प्रभावित इलाकों से लोगों को हटाने के आदेश दे दिए गए हैं। ऋषिगंगा नदी के जलस्तर की निगरानी के लिए चमोली जिले में ड्रोन की तैनाती कर दी गई है। जो निगाहें बनाए है। 5 दिन बाद भी तपोवन की टनल का रास्ता नहीं खुला है। अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
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