नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग कर दिया है और नवंबर में आम चुनाव तय कर दिए हैं।
राष्ट्रपति के एक बयान में कहा गया है कि न तो कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और न ही विपक्ष के नेता शेर बहादुर देउबा शुक्रवार को भंडारी द्वारा तय की गई समय सीमा तक नई सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित कर पाए।
देर रात जारी राष्ट्रपति के बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया है और पहले चरण के आम चुनाव 12 नवंबर और दूसरे चरण में 19 नवंबर को कराने का आदेश दिया है।
इसने कहा कि कार्यवाहक प्रधान मंत्री ओली की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की सिफारिश पर निर्णय लिया गया था, जिसके दिसंबर 2020 में संसद को भंग करने के विरोध में हफ्तों तक विरोध हुआ और फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया।
ताजा कदम के बारे में राजनीतिक दलों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई।