यमुनानगर(राहुल सहजवानी): अक्सर पानी ज़्यादा आने से कई गांव प्रभावित होते हैं और लोगों का काफी ज्यादा नुकसान होता है।
ऐसे में गुमथला गांव में बाढ़ राहत कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। इसी के चलते गांव के निवासी वरयाम सिंह का कहना है कि मोटे पत्थरों में छोटे पत्थर मिला दिए जाते हैं।
पत्थरों को रोकने के लिए बनाए जाने वाले बेड के जाल में अच्छे तार का प्रयोग नहीं होता है। जिस कारण कुछ दिनों में ही जंग आने से बेड कमजोर हो जाता है और पत्थर बिखर जाते हैं।
गांव के निवासी वरयाम का कहना है कि प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए और खामी मिलने पर संबंधित ठेकेदार की पेमेंट को रोकना चाहिए।
उन्होंने सरकार से भी मांग करते हुए कहा कि बाढ़ बचाव कार्य समय पर होने चाहिए, ताकि समय रहते इस कार्य पर ख़र्च की जा रही राशि से होने वाले कार्य की जांच हो सके।
वहीं, इस मामले में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर सिंचाई विभाग के आर एस मित्तल ने बताया की जिले में 22 कार्य बाढ़ बचाव कार्य किए जाने थे, जिनमें से सभी कार्य पूरे हो चुके हैं।
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लेकिन एक कार्य पिछले साल का अधूरा चल रहा है, उसके लिए दोबारा प्रशासन से अप्रूवल मिली है और वह अप्रूवल सिचाई विभाग के पास मई के आखिरी दिनों में आई थी।
उसमें जो कार्य पूरा कराना था वह 2 महीने के अंदर किया जाना था और उस 2 महीने के हिसाब से कार्य 30 जुलाई तक पूरा करना है, लेकिन हम उस कार्य को 10 जुलाई तक पूरा करेंगे।
वहीं, आगे उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा जो शिकायत प्राप्त हुई है उसकी जांच कराई जाएगी। वैसे संबंधित अधिकारी समय-समय पर जांच करते हैं और अपनी रिपोर्ट भेजते हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत कार्यों को लेकर विभाग पूरी तरह से तैयार है। जिले में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।
सिंचाई विभाग के अधिकारी 10 जुलाई से पहले कार्य पूरा करने की बात कहे रहे है। ऐसे में अगर उससे पहले मानसून ने दस्तक दे दी तो ग्रामीणों को नुकसान हो सकता है ओर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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