Odisha Train Accident: ओडिशा के ट्रेन हादसे के बाद बचावकर्मियों ने अपनी जिंदगी दाव पर लगा कर लोगों को बचाने के लिए काम किया है लेकिन इस घटना के बाद से उनकी दिमागी स्थिति पर गहरा असर पड़ा है। एनडीआरएफ ने दिन रात मेहनत करके बेहद तेजी से राहत और बचाव के काम किए। इसमें सैकड़ों कर्मी दिन रात लगे रहे। लगातार शवों और घायलों को निकालने की वजह से कई एनडीआरएफ कर्मियों में अलग अलग ही लक्षण नजर आने लगे हैं।
बचावकर्मियों का खाना पानी हुआ बंद
आपदा के लिए क्षमता निर्माण पर वार्षिक सम्मेलन 2023 को संबोधित करते हुए एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवा ने कहा कि मैं बालासो ट्रेन हादसे के बाद बचाव कर्मियों से मिला। एक कर्मी ने मुझे बताया कि वह जब पानी देखता है, तो उसे खून की तरह नजर आता है। एक अन्य बचावकर्मी ने बताया कि इस बचाव अभियान के बाद उसे भूख लगनी बंद हो गई है।
एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि बल ने अपने कर्मियों के बचाव एवं राहत अभियान से लौटने पर उनके लिए मनोवैज्ञानिक काउंसिलिंग और मानसिक स्थिरता पाठ्यक्रम शुरू किया है।
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उन्होंने कहा कि अच्छी मानसिक सेहत के लिए ऐसी काउंसिलिंग हमारे उन कर्मियों के लिए करायी जा रही है, जो आपदाग्रस्त इलाकों में बचाव एवं राहत अभियानों में शामिल होते हैं। करवाल ने कहा कि पिछले साल से अब तक इस संबंध में कराए विशेष अभ्यास के बाद तकरीबन 18,000 कर्मियों में से 95 प्रतिशत कर्मी सही पाए गए। Odisha Train Accident
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