Health News: सिर में दर्द होना, कमजोर महसूस करना,शारीरिक-मानसिक तकलीफ की स्थिति में दवाइयों को खाने से हमें राहत मिल जाती है । भारत में लोग अक्सर डाक्टर पर न जाने के बजाय मेडिसिन खाकर काम चला लेते है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक ये बिल्कुल भी सही नहीं है। डॉक्टर के पास जाकर जब आप दवाई लेते है तब डॉक्टर आपको प्रिस्क्रिप्शन लिखकर देते हैं और बताते हैं कि दवा कैसे लेनी है। मसलन सुबह खाली पेट खानी है, खाने के बाद खानी है, दिन में तीन बार खानी है। कई बार वे दवा के सामने मात्रा के साथ बाकी सावधानियां भी लिख देते हैं।
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हेल्थएक्सपर्ट ने किया ये दावा- आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में वायरल बुखार ,खांसी जुकाम होने पर एंटीबायोटिक दवाएं, पेनकिलर और ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन तेजी से बढ़ गया है। इन दवाइयों को खाने से आपको रिलीफ आसानी से मिल जाता है।इसलिए बहुत से लोग बार-बार इनका सेवन करते हैं।हाल में हेल्थ एक्सपर्ट ने एक स्टडी करके ये दावा किया की साल 2050 तक लगभग 40 मिलियन लोगों की एंटीबायोटिक- रेसिस्टेंट इंफेक्शन की वजह से मौत हो सकती है ।
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बरतें सावधानी- हेल्थ एक्सपर्ट ने अलर्ट जारी करते हुए कहा मेडिकल स्टोर पर जाकर कोई दवा लेकर न खाएं. डॉक्टर टेस्ट करने के बाद ही दवा को खरीदे एंटीबायोटिक्स डॉक्टर की सलाह के बाद किसी बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे- स्किन, दांत में इंफेक्शन होने पर ही लेना चाहिए।बार बार दवाई खाने से शरीर में जलन व कमजोरी महसूस होने लगती हैाबार-बार दवाएं खाने से एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस बढ़ सकता है. जिसमें शरीर में बैक्टेरिया पर एंटीबायोटिक दवाएं बेअसर होने लग जाती है. इसके बाद आप कितनी भी दवा खा लें, उसका असर शऱीर में नहीं दिखाई देगा ।