Delhi Bar Associations Strike: दिल्ली की जिला अदालतें प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ सोमवार को हड़ताल पर रहीं। हड़ताल का आह्वान दिल्ली बार एसोसिएशन की समन्वय समिति ने विधेयक के उस प्रावधान के विरोध में किया था जो वकीलों को अदालत का बहिष्कार करने और अनुपस्थित रहने से रोकता है।
Read also-Karnataka: मुख्यमंत्री सिद्दारमैया बोले- 2025-26 के लिए बजट 7 मार्च को किया जाएगा पेश
बार एसोसिएशन की समन्वय समिति के अध्यक्ष जगदीप वत्स ने कहा, “अधिवक्ता अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन हमारे अधिकार छीन लेंगे। वकीलों की स्वतंत्र आवाज को दबाया जा रहा है।केंद्र ने हाल ही में देश में कानूनी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से मसौदा अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 पर सार्वजनिक इनपुट मांगा है।प्रस्तावित विधेयक में एक और विवादास्पद प्रस्ताव ये है कि केंद्र भारत के अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल की मौजूदा सदस्यता के अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया में तीन सदस्यों को नामांकित करेगा।
Read also-अमेरिका से भारत आए निर्वासित मनदीप सिंह बोले- हमें अपनी पगड़ियां उतारनी पड़ीं और हथकड़ी लगाई गई
जगदीप वत्स, अध्यक्ष, दिल्ली बार एसोसिएशन की समन्वय समिति – हमारा जो एडवोकेट एक्ट है, उसके रूल रेगुलेशंस के हिसाब से हमारे एडवोकेट्स एक्ट करते हैं और उसमें कुछ अप्रपोस्ड अमेंडमेंट्स ऐसे किए जा रहे हैं जिसमें कि हमारे लॉयर्स के राइट्स स्नेच करने कि कोशिश की जा रही है, लॉयर्स की वॉइस है जो इंडिपेंडेंट वॉइस है उसको दबाने की कोशिश कि जा रही है और हमारी जो एसोसिएशन जो है इनमें एग्जीक्यूटिव जो हैं उनकी पावर को खत्म करने की कोशिश की जा रही है जो कि गलत है।”