चंडीगढ़: हरियाणा में शुक्रवार को ब्लैक फंगस के 64 और नए केस मिले हैं और करनाल में एक मरीज की मौत हो गई।
गुरुग्राम में सबसे अधिक 31, हिसार 19, सिरसा 5, पानीपत 3, भिवानी-फरीदाबाद 2-2, फतेहाबाद-पंचकूला-रेवाड़ी-रोहतक-सोनीपत व यमुनागर में 1-1 ब्लैक फंगस का मरीज मिला है।
वहीं, जींद से 10 संदिग्ध मरीजों को पीजीआई रोहतक रेफर किया गया लेकिन इनकी पुष्टि नहीं हो सकी। अब तक ब्लैक फंगस के कुल 332 केस सामने आ चुके हैं।
इनमें अंबाला 7, भिवानी 12, फरीदाबाद 42, फतेहाबाद 6, गुरुग्राम 140, हिसार 37, जींद 2, करनाल 12, पलवल-यमुनानगर में 1-1, पंचकूला 5, पानीपत 11, रेवाड़ी 4, रोहतक 21, सिरसा 29, सोनीपत में 2 केस मिल चुके हैं।
ब्लैक फंगस के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है और सबसे बड़ी चुनौती ये है कि ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन का स्टॉक भी सरकार के पास कम है।
साथ ही बाजार में इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण मरीजों की परेशानी बढ़ रही है। प्रदेश में रेमडेसिविर के 61,350 और 731 टोसिलिजुमैब इंजेक्शन का स्टॉक है।
फिलहाल पीजीआई रोहतक और मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस के मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक मरीज को रोजाना औसतन 6 इंजेक्शन लगते हैं।
पीजीआई रोहतक की एमएस डॉ. पुष्पा दहिया भी कह चुकी हैं कि उनके पास दवा की कमी है और उन्हें मरीजों के हिसाब से अधिक इंजेक्शन की जरूरत है। वहीं, खुद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इस बात को स्वीकार कर रहे हैं।
अब सरकार ने फैसला लिया है कि ग्लोबल टेंडर से दवा खरीदी जाएगी लेकिन टेंडर के बाद दवा कब मिलेगी, यह तिथि किसी के पास नहीं है। वहीं, प्रदेश में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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