दिल्ली (रिपोर्ट-अनिल कुमार): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्री गोपाल राय के साथ पार्टी के विधायकों ने सदन में केंद्र सरकार के बनाए गए कृषि कानून का विरोध करते हुए कृषि कानून की प्रतियां फाड़ दी जिसके चलते सदन में विरोध का स्वर तेज हो गया ।
दरअसल ये कानून अब केजरीवाल सरकार के गले की फांस बन रहा है। बीजेपी इसी फांस को लेकर बार-बार अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगा रही है कि अगर नए कृषि कानून में इतनी खामियां थी तो मुख्यमंत्री ने नए कृषि कानून को दिल्ली में क्यों लागू किया।
सदन में नए कृषि कानून पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने नए कृषि कानून को काला कानून कहा, उन्होनें कहा इस काले कानून के विरोध किसान पिछले 20 दिन से दिल्ली के बॉर्डर पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जिसका वो सर्मथन कर रहे है। इन बीस दिनों में तकरीबन 20 किसानों की मौत हो चुकी है। यानी रोजाना एक किसान की मौत। ऐसे में केंद्र सरकार को इस काले कानून को रद्द कर देना चाहिए ।
जिस पर सदन में नए कृषि कानून बिल पर बीजेपी के विधायकों का कहना हैं कि अगर यह कानून गलत होता या इसमें खामियां होती तो संसद से कानून पास होने के बाद बीजेपी कई राज्यों में चुनाव नही जीतती कानून बनने पर हमने उन राज्य में उप चुनाव भी जीते जहां पर दूसरे राजनीतिक दलों की सरकारे हैं।
गौरतलब है कि नया कृषि कानून संसद से सड़क के रास्ते होते हुए अब कोर्ट में पहुँच चुका है। अब सवाल ये है कि क्या कोर्ट संसद के बनाए कानून पर कोई फैसला देती है या फिर अपनी राय दे कर अपना रास्ता साफ कर लेती है।
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