Delhi Student Death Case: दिल्ली में 10वीं कक्षा के छात्र की मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सेंट्रल दिल्ली के डीएम और डीसीपी को नोटिस जारी किया है। छात्र के परिजनों ने आरोप लगाया था कि स्कूल प्रशासन और शिक्षकों द्वारा लगातार मानसिक उत्पीड़न की वजह से उनके बेटे ने जान दे दी। परिवार ने इस मामले में गिरफ्तारी की भी मांग की है।
नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच करने और 10 दिनों के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं। शिकायत के अनुसार छात्र ने राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन से कूदकर आत्महत्या की कोशिश की थी। घटना के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। Delhi Student Death Case
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घटना के अगले ही दिन बुधवार को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई। NHRC की ओर से यह भी कहा गया है कि शिकायत में लगाए गए आरोप पहली नजर में पीड़ित के मानवाधिकारों के उल्लंघन की ओर इशारा करते हैं। Delhi Student Death Case
पीड़ित परिवार ने NHRC को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल और कई शिक्षकों ने छात्र का लगातार मज़ाक उड़ाया, उसे अपमानित किया और डराया-धमकाया, जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव में चला गया। परिजनों का दावा है कि इसी मानसिक प्रताड़ना और भेदभावपूर्ण व्यवहार के चलते छात्र को ऐसा कदम उठाना पड़ा। शिकायत में यह भी कहा गया है कि पुराने स्टूडेंट्स और पेरेंट्स ने भी पहले ऐसे ही अनुभव साझा किए थे, लेकिन स्कूल ने शिकायतों को नजरअंदाज किया। Delhi Student Death Case
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काउंसलिंग और बच्चों की सुरक्षा के उपाय तक नहीं किए गए। शिकायतकर्ता ने आयोग से स्वतंत्र जांच, दोषी स्टाफ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और स्कूल में सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की मांग की है। NHRC ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 12 के तहत संज्ञान लेते हुए 10 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट आयोग के पास जमा करने के निर्देश दिए हैं। Delhi Student Death Case
छात्र की मौत के बाद सवाल स्कूल प्रशासन की भूमिका और बच्चों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर रूप से खड़े हो गए हैं। अब सबकी नजर NHRC द्वारा मांगी गई रिपोर्ट पर है, जो आने वाले दिनों में इस मामले की दिशा और जिम्मेदारों की पहचान तय करेगी।
