लखनऊ: अखिलेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में सीबीआई ने यूपी, राजस्थान और पश्चिम बंगाल समेत 40 से ज्यादा जगहों पर एक साथ छापा मारा है।
सीबीआई की 40 टीमों ने लखनऊ, गाजियाबाद और देहरादून सहित 17 जिलों व शहरों में तलाशी की है। इस घोटाले में सोमवार को सीबीआई ने परियोजना से जुड़े 190 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
इस मामले में कुल 189 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें 173 प्राइवेट और 16 सरकारी अफसर शामिल हैं। यूपी में आज लखनऊ के साथ ही नोएडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है।
3 चीफ इंजीनियरों के साथ ही 6 सहायक इंजीनियरों के घरों में भी CBI ने रेड मारी है। आपको बता दें, अखिलेश यादव सरकार के दौरान गोमती नदी परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई ने दूसरी FIR दर्ज की है।
लखनऊ रिवर फ्रंट के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। सबसे बड़ी बात ये है कि 1437 करोड़ रुपए जारी होने के बाद भी सिर्फ 60 फीसदी काम ही किया गया था।
95 फीसदी बजट खर्च के बाद भी ठेका कंपनियों ने काम पूरा नहीं किया था। बता दें कि सपा सरकार में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में साल 2017 में योगी सरकार ने जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग का गठन किया था।
जांच में पता चला था कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में ही बदलाव कर दिया गया था। पूरे प्रोजेक्ट के लिए करीब 800 टेंडर निकाले गए थे।
यह पूरा प्रोजेक्ट चीफ इंजीनियर के अंडर में था। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही यूपी सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की मांग की थी।
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