Green Energy : स्वतंत्र शोध एवं नीति संगठन डब्ल्यूआरआई इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) माधव पई ने मंगलवार को कहा कि भारत में हरित ऊर्जा की तरफ बदलाव के लिए 83 प्रतिशत वित्तपोषण घरेलू स्तर पर ही हो रहा है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण के रास्ते खोलने की जरूरत है। पई ने इंटरव्यू में कहा कि हरित ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए महज 17 प्रतिशत वित्तपोषण विदेश से आता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्याप्त वित्त उपलब्ध है, हमें इसे हासिल करने का तरीका खोजना होगा.Green Energy
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उन्होंने कहा कि हरित इस्पात, हरित सीमेंट और विमानन एवं समुद्री परिवहन जैसे मुश्किल क्षेत्रों को हरित ऊर्जा की तरफ ले जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय पूंजी बेहद जरूरी है। पई ने कहा कि भारत को अपने जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यह वित्त जुटाना चाहिए। इसलिए इसका रास्ता खोलना बहुत अहम है. Green Energy
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डब्ल्यूआरआई इंडिया के वार्षिक कार्यक्रम ‘कनेक्ट करो’ के मौके पर पई ने कहा कि औद्योगिक क्लस्टर भी हरित ऊर्जा की दिशा में रुचि दिखा रहे हैं। तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ क्लस्टर ने स्वच्छ ऊर्जा का रुख करने में दिलचस्पी दिखाई है।इस मौके पर डब्ल्यूआरआई इंडिया ने बीआरपीएल, क्यूरियोसमटेक और ऑटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) के साथ तीन समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.Green Energy