Gujarat: नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके साथ ही एक अहम राजनैतिक युग की शुरुआत हुई। 23 साल बाद राज्य की बागडोर भूपेंद्र भाई पटेल के हाथों में है। गुजरात अपनी विकास यात्रा को दुनिया के सामने लाते हुए विकास सप्ताह मना रहा है। श्री वाजपेयी बैंकेबल योजना जैसी पहल वित्तीय मदद देकर उद्यमियों को सशक्त बना रही है और नौकरियां पैदा कर रही है। Gujarat:
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इस योजना के असर की मिसाल हैं, जामनगर के रवि मनसुख अंत्रेशा। कभी बेरोजगारी के मारे रवि बमुश्किल अपने परिवार का भरण-पोषण कर पाते थे। उन्होंने जिला पंचायत के माध्यम से श्री वाजपेयी बैंकेबल योजना के लिए आवेदन किया। उन्हें बैंक से कर्ज और 45 हजार रुपये की सब्सिडी मिली। उन्होंने एक ऑटो रिक्शा खरीदा और अब रोजाना 500 रुपये कमाते हैं। अब उनके परिवार की रोजी-रोटी सुरक्षित हो गई है।
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रवि की तरह अहमदाबाद की सविताबेन भी आत्मनिर्भर भारत की मजबूत मिसाल हैं। कोविड महामारी के दौरान उन्होंने पति और बच्चों को खो दिया। फिर वे महिमा वूमंस हैंडीक्राफ्ट को-ऑपरेटिव से जुड़ गईं। आज वे 50 से ज्यादा महिलाओं के साथ सिलाई, बुनाई आदि की बदौलत आत्मनिर्भर हैं। उनके हस्तशिल्प न सिर्फ अपने लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए हैं। रवि अंत्रेशा और सविताबेन दोनों इस बात की मिसाल हैं कि अगर सरकार और समाज का सहयोग मिले तो जिंदगियां बदल सकती हैं।
