मोदी ने कहा, जॉर्डन के व्यवसायों‑निवेशकों के लिए भारत के द्वार हमेशा खुले

India-Jordan: Modi said, India's doors are always open for Jordanian businesses and investors.

India-Jordan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने अम्मान में वार्ता की और द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करते हुए पारस्परिक महत्व के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। मंगलवार यानी आज 16 दिसंबर को अम्मान में आयोजित भारत-जॉर्डन व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में जॉर्डन के निवेशकों और व्यवसायों के लिए द्वार खुल रहे हैं। India-Jordan:

उन्होंने कहा कि भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। भारत की विकास दर आठ फीसदी से अधिक है। ये विकास उत्पादकता-आधारित शासन और नवाचार-आधारित नीतियों का परिणाम है। भारत में जॉर्डन के व्यवसायों और निवेशकों के लिए द्वार खुल रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत जॉर्डन के साथ दीर्घकालिक संबंध चाहता है। India-Jordan: India-Jordan:

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। हम यहां जॉर्डन के साथ दीर्घकालिक संबंध स्थापित करने आए हैं। एक समय था जब गुजरात पेट्रा के जरिए से यूरोप के साथ व्यापार करता था। हम अपनी भावी समृद्धि के लिए उन संबंधों को पुनर्जीवित करेंगे। जॉर्डन के क्राउन प्रिंस से मुलाकात के बाद मोदी ने कहा, “भारत का यूपीआई, आधार कार्ड और डिजी लॉकर जैसी प्रणालियाँ वैश्विक मानक बन रही हैं। महामहिम और मैंने भारत की प्रणाली को जॉर्डन की प्रणाली से जोड़ने पर चर्चा की है। दोनों देश फिनटेक, हेल्थटेक और एग्रीटेक के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को सीधे जोड़ सकते हैं। विचारों को पूंजी में बदलने और नवाचार को व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए एक साझा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सकता है।”  India-Jordan:

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प्रधानमंत्री ने कहा, भारत और जॉर्डन बुनियादी ढांचा विकास में तेजी और कुशलता के साथ सहयोग कर सकते हैं। महामहिम जॉर्डन में अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे और रेलवे का निर्माण करना चाहते हैं। मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं कि भारतीय कंपनियां उनके इस सपने को पूरा करने के लिए उत्साहित और सक्षम हैं।कल हुई मुलाकात में महामहिम ने मुझे सीरिया में बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण की जरूरत के बारे में बताया। भारत-जॉर्डन मिलकर उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर सकते हैं।

भारत और जॉर्डन के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं और नई दिल्ली अम्मान का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य 2.8 अरब अमेरिकी डॉलर है। जॉर्डन भारत को उर्वरकों, विशेष रूप से फॉस्फेट और पोटाश का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। इस अरब देश में 17,500 से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो कपड़ा, निर्माण और विनिर्माण जैसे कई क्षेत्रों में कार्यरत हैं। मोदी की चार दिवसीय तीन-देशीय यात्रा का पहला पड़ाव जॉर्डन है। इस यात्रा में वे इथियोपिया और ओमान भी जाएंगे।

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