India-Pakistan, Operation Mahadev: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार यानी आज 29 जुलाई को कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता है तो भारत पड़ोसी देश की मदद करने के लिए तैयार है क्योंकि भारतीय सेना सीमा के दूसरी ओर भी आतंकवाद से लड़ने में सक्षम है। India-Pakistan, Operation Mahadev:
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राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए राज सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया है। उन्होंने आगे कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत सेना द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को स्थगित कर दिया गया है, और अगर पाकिस्तान भारत में फिर से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है कि तो इसे फिर से शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया से आतंकवाद खत्म हो। मैं पाकिस्तान को सलाह दूंगा कि अगर आप आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं तो भारत से मदद लें, हम मदद के लिए तैयार हैं। हमारी सेनाएं सीमा के इस पार और उस पार भी आतंकवाद से लड़ने में सक्षम हैं और ये बात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से साबित हो चुकी है।
उन्होंने कहा, अगर पाकिस्तान भविष्य में कोई आतंकवादी घटना करता है तो हम बिना किसी हिचकिचाहट के ऑपरेशन सिंदूर को फिर से शुरू करेंगे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, हमारा लक्ष्य है कि ऑपरेशन सिंदूर निरंतर चलता रहे। इसमें अल्पविराम तो लग सकता है, लेकिन पूर्ण विराम नहीं। राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सेना और सुरक्षा बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा, मैं उन सुरक्षा बलों को बधाई देता हूं जिन्होंने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों को ढेर किया। यही वे आतंकी हैं जिन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष लोगों की जान ली थी।
राजनाथ सिंह ने बताया कि इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की और उन्हें मौजूदा क्षेत्रीय हालात, रणनीतिक विवेक और सैन्य सूझबूझ के अनुसार कार्रवाई करने की पूर्ण स्वतंत्रता दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का विकल्प चुना जिसमें वहां का कोई भी नागरिक हताहत नहीं हुआ। उन्होंने कहा, हमारी प्रतिक्रिया आत्मरक्षा में थी, यह किसी प्रकार का विस्तारवादी कदम नहीं था।
इसका उद्देश्य आतंक के ढांचों को नष्ट करना और यह स्पष्ट संदेश देना था कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्रवाई का राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य यह था कि पाकिस्तान को उसके द्वारा आतंकवाद को छद्म युद्ध के रूप में इस्तेमाल करने के लिए दंडित किया जाए।
राजनाथ सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने भारत से शत्रुता रोकने की अपील की थी, जिसे भारत ने यह शर्त रखते हुए स्वीकार किया कि ऑपरेशन केवल निलंबित रहेगा, समाप्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि ऑपरेशन सिंदूर रुका है, समाप्त नहीं हुआ है। अगर भविष्य में पाकिस्तान की ओर से कोई आतंकी वारदात होती है, तो हम बिना किसी हिचकिचाहट के ऑपरेशन सिंदूर को दोबारा शुरू करेंगे। India-Pakistan, Operation Mahadev:
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इससे पहले दोपहर दो बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, उप-सभापति हरिवंश ने बताया कि सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी और सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस विषय की संवेदनशीलता को ध्यान में रखें। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने प्रक्रिया संबंधी मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन उपसभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह चर्चा के विषय से संबंधित नहीं था। इसके विरोध में टीएमसी के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ नारेबाजी की और कुछ सदस्य आसन के समीप भी पहुंचे। उपसभापति ने जब विपक्षी सदस्यों को बोलने का मौका नहीं दिया गया, तो टीएमसी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। India-Pakistan, Operation Mahadev: