वक्फ बिल को लेकर संसद में पेश हुई जेपीसी रिपोर्ट पर आज जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी नेताओं ने कहा कि इसमें विपक्षी नेताओं की असहमति को दर्ज नहीं किया गया है। इसके बाद सरकार की ओर से भी बयान दिया गया। विवाद के बाद कहा गया कि असहमति नोट को भी शामिल किया जाएगा।
आज लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ बोर्ड वाली जेपीसी रिपोर्ट पर जमकर हंगामा देखने को मिला। पहले राज्यसभा में जेपीसी रिपोर्ट पेश हुई। इसके बाद लोकसभा में भी जेपीसी रिपोर्ट पेश हो गई। दोनों जगह विपक्षी सांसदों ने खूब हंगामा किया। जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने लोकसभा में यह रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट पेश होते ही लोकसभा में हंगामा हो गया।
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लोकसभा में विपक्ष के नेताओं ने वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई विपक्षी नेताओं ने कहा कि इसमें विपक्षी नेताओं की असहमति को दर्ज नहीं किया गया है। वहीं राज्यसभा में मैं भी वह बिल पर पेश हुई जेपीसी रिपोर्ट को लेकर जोरदार घमासान देखने को मिला।
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बयान दिया कि वक्फ बोर्ड की JPC में अनेक सांसदों ने अपने Dissent notes दिए हैं, लेकिन उन्हें कार्यवाही से निकाल दिया गया। यह अलोकतांत्रिक है। ये सदन इस फर्जी रिपोर्ट को नहीं मानेगा। खरगे ने कहा कि मेरा अनुरोध है कि अगर इसमें Dissent notes हटाए गए हैं तो रिपोर्ट को वापस JPC में भेजा जाए और इसमें संसद सदस्यों के Dissent notes को शामिल करके इसे दोबारा पेश किया जाए। खरगे ने आगे कहा कि अगर सरकार असंवैधानिक काम करेगी तो देशहित में हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
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इस बीच लोकसभा में भारी हंगामा और शोरगुल हुआ तो गृहमंत्री अमित शाह ने भी बयान दिया। वही सदन के बाहर जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने भी बयान दिया। जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्ष के असहमति नोट को शामिल किया जाएगा। जेपीसी रिपोर्ट को लेकर उठी विपक्षी आपत्तियों पर संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बयान दिया कि सब कुछ नियमों के मुताबिक है।
सूत्रों के मुताबिक जेपीसी की रिपोर्ट में क्लॉज बाई क्लॉज जो डिसेंट नोट लगाए गए हैं, वो रिपोर्ट का हिस्सा हैं लेकिन व्यक्तिगत आरोपों को रिपोर्ट का हिस्सा नहीं बनाया गया है।उनको रिपोर्ट से हटाया है, और वो नियम के मुताबिक है।
