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इस हफ्ते की शुरुआत में उनके स्थानांतरण की सिफारिश करते हुए सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने कहा था कि ये कदम होली की रात आग लगने की घटना के बाद न्यायमूर्ति वर्मा के घर से कथित तौर पर नकदी मिलने के मामले में आंतरिक जांच के आदेश से अलग है।
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उच्चतम न्यायालय ने खारिज की अपील- उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका को ‘‘समय से पहले’’ दायर की गई याचिका बताते हुए खारिज कर दिया जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकद राशि मिलने के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि आंतरिक जांच जारी है और इसका निष्कर्ष निकलने पर भारत के प्रधान न्यायाधीश के पास कई विकल्प खुले होंगे।पीठ ने अधिवक्ता मैथ्यूज जे. नेदुम्परा और तीन अन्य की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
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