नई दिल्ली (साहिल भांबरी) : दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत गोहाना से किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. जो राजधानी में गरीब और बेघर लोगों को पैसों का लालच देकर निशाना बनाता था. पुलिस ने इस गिरोह के अब तक 2 डॉक्टर समेत कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन लोगों की गिरफ्तारी, 26 मई को हौज खास थाने में आईपीसी की धाराओं के तहत धोखाधड़ी के आधार पर की है. इस गिरोह के आरोपियों के दिल्ली से लेकर गुहाना तक तार जुड़े मिले है, फिर पुलिस ने एक-एक कर आरोपियों को दबोचा.
ऑपरेशन करके निकाला करते थे किडनी
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो सोशल मीडिया से चलाया जा रहा था। इस गैंग के लोग सोशल मीडिया के ऐसे ग्रुप में शामिल थे जहां पर किडनी लेने वाले और किडनी को बेचने वाले मेम्बर है। ये लोग हरियाणा सोनीपत के गोहाना में बने हॉस्पिटल में ऑपरेशन करके किडनी निकाला करते थे। पुलिस ने 2 डॉक्टर समेत कुल 11 लोगों को गिरफ्ताफ किया है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सर्वजीत जलवाल, शैलेश पटेल, मोहम्मद लतिफ, विकास, रणजीत गुप्ता, डॉ. सोनू रोहिल्ला, डॉ. सौरभ मित्तल, कुलदीप राय विश्वकर्मा उर्फ केडी, ओम प्रकाश शर्मा और मनोज तिवारी शामिल हैं. वीआईपी हौजखास में प्री एनेस्थीसिया जांच क्लीनिक की आड़ में किडनी खरीद-फरोख्त का खेल चल रहा था.
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जरूरतमंदों से किया करते थे 30 लाख रुपए तक की वसूली
पुलिस ने बीते दिन एक और डॉक्टर को रोहिणी इलाके से गिरफ्तार किया है. पकड़े गए डॉक्टर का नाम प्रियांश शर्मा है. ये दिल्ली के नामी अस्पताल में काम करता है.और ये पूरा गैंग जरूरतमंदों से 30 लाख रुपए तक वसूली करता था. डीसीपी बेनिता मैरी जैकर ने कहा कि अब तक, असम, पश्चिम बंगाल, गुजरात और केरल के रहने वाले 21 से 32 वर्ष की आयु के चार पीड़ितों की पहचान की गई है.पुलिस के मुताबिक, प्रियांश शर्मा ने 2007 से 2013 सैफई में भी काम किया है. ये डॉक्टर किडनी रैकेट के सरगना कुलदीप के साथ मिलकर काम करता था और सोनीपत-गोहाना में अवैध तौर पर किडनी ट्रांस्प्लांट के धंधे में जुड़ा था.
छह महीने में लगभग 14 लोगों को बनाया निशाना
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए डॉक्टर ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह एक मरीज से ऑपरेशन के लिए लाखों रुपये लेता था. छह महीने में लगभग 14 लोगों को इस गैंग ने निशाना बनाया है. आरोपी सर्वजीत व शैलेश पटेल लोगों को लालच देकर किडनी डोनेट करने के लिए फंसाते थे. इसके साथ ही मोहम्मद लतिफ एक स्कैनिंग सेंटर में काम करता था, जहां किडनी स्कैन की जाती थी. वहीं विकास और रणजीत लोगों को हरियाणा के गुहाना स्थित एक जांच केंद्र पर ले जाते थे, जहां किडनी निकाली जाती थी.फिलहाल पुलिस डॉक्टर से पूछताछ कर रही है।
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