(प्रदीप कुमार): लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज जयपुर में डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित संविधान कथा वाचन कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर ओम बिरला ने महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति पर हर्ष व्यक्त करते हुए सभी आयोजकों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
भारत के संविधान के शिल्पकार और सामाजिक समानता के अग्रदूत भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के योगदान का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने कहा कि बाबा साहब के सपनों का विकसित और अग्रणी भारत बनाने के लिए सभी देशवासी पूर्ण समर्पण से कार्य कर रहे हैं। नारी सम्मान और मातृ शक्ति के विषय पर केन्द्रित इस कार्यक्रम को अच्छी पहल बताते हुए ओम बिरला ने कहा कि भारतीय समाज में सदा ही महिलाओं को आदर और सम्मान दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं का दर्जा सदैव हमारी संस्कृति में ऊँचा रहा है किन्तु इतिहास में महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने और आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर नहीं मिले, जिसे बाबा साहब द्वारा रचित संविधान ने सुनिश्चित किया। इस अवसर पर ओम बिरला ने कहा कि संविधान निर्माण के साथ ही महिलाओं के लिए समान अधिकार और पर्याप्त अवसर देश के लिए संवैधानिक दायित्व बन गए। उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब ने संविधान में महिला-पुरुष समानता और सामाजिक समानता के प्रबंध किए जिससे महिलाओं सहित हर समुदाय, हर वर्ग को अधिकार मिले।
भारत की बढ़ती राजनीतिक तथा आर्थिक साख के सन्दर्भ में ओम बिरला ने कहा कि देश की उपलब्धियों में हर वर्ग, हर समूह का योगदान है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज महिलाएं शिक्षा, खेल, विज्ञान, तकनीक, रक्षा, संचार, अंतरिक्ष, व्यापार हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं इसका श्रेय उन्होंने महिलाओं को समानता और स्वतंत्रता का अधिकार देने वाले संविधान को दिया। ओम बिरला ने आगे कहा की संविधान की समतामूलक संकल्पना ने महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर दिए।
संविधान द्वारा निर्धारित कर्तव्यों का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने आशा व्यक्त की कि सभी नागरिक विशेषकर युवा देश के प्रति कर्तव्यों को निभाकर जिम्मेदार नागरिक बनेंगे और देश की प्रगति सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी के 2047 में विकसित भारत के सपने को पूरा करने में युवाओं की बड़ी भूमिका रहेगी और इस प्रयास में कर्तव्यों का अनुपालन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारत में सार्वजनिक मताधिकार की शुरुआत के विषय में ओम बिरला ने कहा कि संविधान ने महिला-पुरुष का विभेद नहीं किया, जबकि दुनिया के कई विकसित देशों ने अपने शुरुआती चुनावों में मताधिकार में महिला-पुरुष का भेदभाव किया। स्पीकर बिरला ने ज़ोर देकर कहा कि बाबा साहब के अथक प्रयासों से संविधान ने हर तरह के भेदभाव को समाप्त कर दिया। बाबा साहब के देश पर प्रभाव का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने कहा कि उन्होंने वंचित वर्ग के उत्थान और सामाजिक समानता के लिए जो कार्य किया, उससे सम्पूर्ण मानवता का कल्याण हुआ तथा देश और अधिक सशक्त हुआ है।
ओम बिरला ने यह भी विचार व्यक्त किया कि बाबा साहब का मानना था कि सबसे पहले और सबसे अंत में हमारी पहचान भारतीय होने की है और सभी भारतवासी देश को अपने पंथ से ऊपर रखें, न कि पंथ को देश से ऊपर। श्री बिरला ने आह्वाहन किया कि इसी भाव के साथ सभी देशवासियों को देश के लिए कार्य करना है; राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करनी है एवं संविधान के मूल्यों के साथ एक विकसित, सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण करना है।
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दोपहर में ओम बिरला गलता गेट स्थित जैन समाज के नवनिर्मित मंदिर और प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हुए और पूजा अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने भगवान महावीर के अहिंसा और त्याग के सनातन संदेश का उल्लेख करते हुए, राष्ट्र निर्माण और सम्पूर्ण मानवता के कल्याण में जैन समाज के योगदान की सराहना की। जैन समाज के चैरिटी संगठनों की अनवरत कल्याणकारी गतिविधियों की प्रसंशा करते हुए उन्होंने कहा कि देश के चहुमुंखी विकास में हर वर्ग और संप्रदाय की भूमिका आवश्यक हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस नवनिर्मित मंदिर निर्माण के बाद इस क्षेत्र में आध्यात्मिक चेतना और कल्याणकारी गतिविधियों में वृद्धि होगी।
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