मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल गैस त्रासदी को ‘कांग्रेस शासनकाल का पाप’ बताया

Madhya Pradesh News:

Madhya Pradesh News: वर्ष 1984 की भोपाल गैस त्रासदी को “कांग्रेस शासनकाल का पाप” करार देते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को कहा कि लंबे वक्त तक सत्ता में रहने के बावजूद ये पार्टी इस भीषण औद्योगिक आपदा के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे का निपटान नहीं कर सकी।मुख्यमंत्री ने ये बात ऐसे वक्त कही, जब भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद इस कारखाने के 337 टन कचरे में से 10 टन अपशिष्ट को धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में परीक्षण के तौर पर भस्म करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

Read also-यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने राजघाट पर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की

यादव ने इंदौर में कहा कि भोपाल गैस त्रासदी “कांग्रेस शासनकाल का पाप” थी और इस भीषण औद्योगिक आपदा में बेहद बड़ी तादाद में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।उन्होंने कहा, “हमेशा दोमुंही नीति अपनाने वाली कांग्रेस (भोपाल गैस त्रासदी पर) जवाब दे। कांग्रेस खुद पाप करती है और इसका दोष दूसरों पर मढ़ने का प्रयास करती है।”मुख्यमंत्री ने यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे के निपटान के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘भोपाल गैस त्रासदी के बाद कांग्रेस ने इस विषय में कुछ नहीं किया, जबकि लंबे वक्त तक केंद्र और राज्य में इस पार्टी की सरकार रही।’’

यादव के मुताबिक, जब मंत्रिमंडल के निर्णय के आधार पर यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे को पीथमपुर में एक निजी कंपनी की ओर से संचालित अपशिष्ट निपटान इकाई में नष्ट करने का फैसला किया गया, तब भी सूबे में कांग्रेस की ही सरकार थी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने ही इस इकाई को लाइसेंस दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे के निपटान के मामले में उनकी सरकार ने जब अदालत के सामने तथ्य रखे, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।

Read also-Kashmir Weather: कश्मीर के ऊंचे इलाकों में ताजा हिमपात, मैदानी इलाकों में हुई बारिश

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े अपशिष्ट को पीथमपुर में निजी कंपनी द्वारा संचालित संयंत्र में स्थानांतरित करने और उसका निपटान करने के मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ए. जी. मसीह की पीठ ने यूनियन कार्बाइड संयंत्र से निकले अपशिष्ट के निपटान के परीक्षण पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया।सुप्रीम कोर्ट ने अपशिष्ट निपटान का विरोध करने वाले नागरिक समाज के संगठनों के सदस्यों सहित पीड़ित पक्षों से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा है। उच्च न्यायालय इस मामले की पहले से सुनवाई कर रहा है।भोपाल में दो और तीन दिसंबर 1984 की दरमियानी रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का रिसाव हुआ था। इससे कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे। इसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *