Mango Market: आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में आम के किसान बंपर फसल के बावजूद संकट में हैं। ये जिला राज्य के सबसे बड़े आम उत्पादक क्षेत्रों में से एक है, जो अपने तोतापुरी आमों के लिए मशहूर है। किसान अपनी उपज खरीदने के लिए पल्पिंग इकाइयों पर निर्भर हैं, लेकिन इस साल कई फैक्ट्रियाँ पिछले साल के बचे हुए स्टॉक का हवाला देते हुए आम खरीदने से इनकार कर रही हैं।
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इसके अलावा खुले बाजार में कीमतें गिरकर महज दो से तीन रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं, जिसे लेकर किसानों का कहना है कि इससे उनकी बुनियादी लागत भी नहीं निकल पा रही है। पल्प कारखानों का कहना है कि उनके पास अभी भी पिछले साल से बड़ी मात्रा में बिना बिके आम का स्टॉक पड़ा है और आम खरीदने के बाद उनके भंडारण के लिए उनके पास जगह भी नहीं है।
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हालांकि राज्य सरकार ने आम के किसानों को राहत देने के लिए कुछ कदम जरूर उठाए हैं। किसानों का विवरण इकट्ठा करने और उन्हें सब्सिडी देने के लिए सभी फैक्ट्रियों में दो सरकारी अधिकारी तैनात किए गए हैं। हालांकि सरकार के प्रयास से किसान पूरी तरह से संतुष्ट नहीं दिखाई दे रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि न तो सरकारी राहत पर्याप्त है और न ही सरकार आम की पल्प फैक्ट्रियों पर तय की हुई दर से आम खरीदने का दबाव बना रही है। किसान अब सरकार से राहत उपायों को बढ़ाने और उनके अनुपालन की अपील कर रहे हैं।