Meitei Sanstha News: मणिपुर में चुराचांदपुर की एक मैतेई संस्था ने शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई से अपील की, कि वे समुदाय के गांवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मणिपुर के कुकी बहुल जिले में विस्थापितों के पुनर्वास का निर्देश दें।चुराचांदपुर मैतेई संयुक्त समिति ने न्यायमूर्ति गवई को ज्ञापन सौंप कर ये अपील की। वे जातीय संघर्ष का सामना कर रहे राज्य का दौरा करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे थे।
ज्ञापन में कहा गया, “चुराचांदपुर में मैतेई गांव ऐतिहासिक रूप से हमारे समुदाय के हैं, लेकिन बढ़ते अतिक्रमण से हमारे वैध स्वामित्व को खतरा है। हम अपने गांवों की कानूनी सुरक्षा का अनुरोध करते हैं।”बिष्णुपुर जिले में न्यायमूर्ति गवई को ज्ञापन सौंपने वाली समिति ने शांतिपूर्ण वातावरण के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और जिले में मैतेई समुदाय के पुनर्वास की अपील की।
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उन्होंने ये भी मांग की, कि चुराचांदपुर जिले से मैतेई समुदाय के विस्थापित हर परिवार के एक शख्स को सरकारी नौकरी दी जाए।उन्होंने बेहतर पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए राहत शिविरों का संचालन विस्थापितों को सौंपने की भी अपील की।दूसरी ओर, विस्थापितों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक दूसरी संस्था ने न्यायमूर्ति गवई से जल्द से जल्द उनके घर बसाने का आग्रह किया। साथ ही राज्य भर में बिना रोक-टोक आने-जाने की अनुमति देने का आग्रह किया।बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में न्यायमूर्ति गवई को दिए ज्ञापन में समिति ने राहत शिविरों में रहने वाले विस्थापितों को समान और उचित पारिश्रमिक तथा निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएं देने की भी अपील की गई।
उन्होंने प्रवेश और परीक्षा शुल्क समेत मुफ्त शिक्षा के लिए आदेश जारी करने और विस्थापितों के लिए शिकायत प्रकोष्ठ खोलने की भी अपील की।समिति ने ये भी मांग की, कि विस्थापितों को सरकारी और निजी संस्थानों में भर्ती में प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा भूमि अभिलेख, निवास और जन्म प्रमाण पत्र समेत सभी दस्तावेज जारी किए जाएं।मई 2023 से इम्फाल घाटी के मैतेई और आसपास के पहाड़ों पर कुकी समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघरबार हो गए हैं।
