(अनमोल कुमार) कम दृष्टि या लो विजन एक ऐसी समस्या है जिसके कारण आपके लिए देखना मुश्किल हो जाता है। इसे चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस या किसी और सर्जिकल विधि की मदद से ठीक नहीं किया जा सकता है।इस बीमारी में बच्चो को धुंधला दिखना शुरू हो जाता है,लेकिन अगर समय से इसका इलाज किया जाए तो हालाकि इसे जड़ से तो नही समाप्त किया जा सकता लेकिन बच्चे को देखने लायक रोशनि मिल सकती है,और विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर गुरु नानक आई सेंटर में इसी सोच के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया कि ऐसे लोगो की खासतौर पर बच्चो की जिंदगी को बर्बाद होने से बचाया जा सके जो लो विजन के शिकार बन चुके हैं,
कार्यक्रम में शामिल हुए डॉ मनोज ने कहा लो विजन बीमारी से ग्रस्त बच्चे या बड़े अपना संभव इलाज आई हॉस्पिटल में कराते हैं लेकिन फायदा न होने पर वह कम दृष्टि के साथ ही जीवन जीने पर मजबूर हो जाते हैं। अगर हम सिर्फ बच्चों की ही बात करें तो देश में इनकी संख्या काफी बढ़ चुकी है। जागरुकता न होने के कारण इन्हें स्कूल में भी अच्छा माहौल नहीं मिल पाता और कई बार इन्हें स्कूली पढ़ाई भी छोड़नी पड़ जाती है।,ऐसे में गुरु नानक आई सेंटर के द्वारा अच्छी शुरुआत की जा रही है यहां जल्द ही लो विजन क्लिनिक शुरू हो रहा है,और लोग इस बीमारी के प्रति लापरवाही न करें अस्पताल जरूर आये।
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कार्यक्रम में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ जे एस चिल्लाना ने कहा लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक होना होगा कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के जरिए भी जागरूकता की गई ताकि लोगों तक यह मैसेज बहुत आते और समय पर लोग इसका इलाज करवाए।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य यही था की इस बीमारी के प्रति लोग जागरूक हो और अगर ऐसी कोई समस्या लोगों में हो तो अस्पताल में जरूर दिखाएं।
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