मुर्शिदाबाद हिंसा पर NCW अध्यक्ष बोली- बंगाल सरकार हिंसा प्रभावित लोगों की शिकायतों का करे समाधान

 Murshidabad Violence:

Murshidabad Violence: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने रविवार को पश्चिम बंगाल सरकार से मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित लोगों, खासकर महिलाओं की शिकायतों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की।उन्होंने कहा कि आयोग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही केंद्र को सौंपा जाएगा और उसकी कॉपी राज्य के शीर्ष अधिकारियों को भेजी जाएंगी।

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रहाटकर ने शहर के एक होटल में संवाददाताओं से कहा कि पिछले दो दिनों में वो और समिति की अन्य सदस्य कई महिलाओं, उनके परिवारों और बच्चों से मिली हैं।एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि पीड़िताओं ने जो यातनाएं झेली हैं, वे ‘‘कल्पना से परे हैं, जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उनके मन पर गहरा घाव छोड़ गई हैं’’ जिन्हें मानवीय दृष्टिकोण के साथ तत्काल भरने और समाधान करने की जरूरत है। उन्होंने राज्य प्रशासन द्वारा विश्वास बहाली के उपायों की वकालत करते हुए कहा, ‘‘शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।’’

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एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा कि आयोग उन सभी महिलाओं के विचारों को शामिल करते हुए एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिन्होंने अपनी आपबीती सुनाई और जिन्होंने अपनी जान और गरिमा बचाने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जैसी सुरक्षा एजेंसियों को श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी और इसकी प्रतियां जल्द ही पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और मुख्य सचिव को भेजी जाएंगी।क्षेत्र में बीएसएफ के शिविर खोले जाने संबंधी महिलाओं की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हां, उनमें से कई ने यही कहा है। क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल है। हम निश्चित रूप से अपनी रिपोर्ट में उनके विचारों को शामिल करेंगे।’’

रहाटकर ने राज्य सरकार से ‘‘इन लोगों की पीड़ा को दूर करने के लिए शीघ्र और तत्काल कार्रवाई करने’’ की अपील की। एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उन्हें न्याय दीजिए, उनके आंसू पोंछिए, उनके नुकसान (घरों और संपत्तियों को हुए नुकसान और सामान की लूट) की भरपाई के लिए तत्काल मुआवजे की व्यवस्था कीजिए।’’

उन्होंने हिंसा प्रभावित इन लोगों के लिए उपयुक्त सुरक्षा और उनमें आत्मविश्वास की भावना पैदा करने की मांग करते हुए कहा, ‘‘ऐसा करना इस सरकार का नैतिक कर्तव्य है। वे हमारे अपने लोग हैं, वे राज्य की बेटियां हैं।रहाटकर ने कहा, ‘‘उन्होंने जो कुछ भी झेला, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई से बनाए गए घरों को टूटते और जलते हुए देखा। उन पर हमला किया गया, उन्हें धमकाया गया और बाहर निकाल दिया गया। महिलाओं पर अत्याचार किया गया, उन्हें उनके घरों से भगा दिया गया। उन्हें उन गांवों से भी निकाल दिया गया, जहां वे वर्षों से रह रही थीं। इतने दिनों में कोई भी उनसे मिलने नहीं आया। वे मुझसे पूछ रही थीं कि उनका क्या कसूर है।’

’एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने अपने दौरे को याद करते हुए बताया, ‘‘एक मां अपने चार दिन के बच्चे के साथ अपनी जान बचाने के लिए भागी थी। नवविवाहित जोड़े के घर से भागने और उनके सारे सामान लूट लिए जाने की घटनाएं हुई हैं। एक महिला होने के नाते, मैं परेशान हूं क्योंकि हम दो दिनों तक मुर्शिदाबाद और मालदा (राहत शिविर) में घूमे। मैंने उन्हें सांत्वना देने की कोशिश की, हमने उन्हें बताया कि पूरा देश आपके साथ है। वे पूरी तरह से टूट गई हैं हालांकि हमने उनसे कहा कि वे मानसिक रूप से मजबूत बनी रहें।’पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के आरोप लगाया है कि महिला आयोग केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहा है और सवाल किया कि पूर्व में वह मणिपुर और बीजेपी शासित राज्यों से अत्याचार की खबरें आने पर वहां क्यों नहीं गया?

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