Rajnath Singh visits Tawang: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को तवांग में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही मेजर रालेंगनाओ ‘बॉब’ खटिंग वीरता संग्रहालय का उद्घाटन भी किया।राजनाथ ने आजादी के बाद सैकड़ों रियासतों को भारत में विलय करने के लिए पटेल की भूमिका को याद किया।
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उन्होंने कहा, “उस समय देश 560 रियासतों में बंटा हुआ था। कई रियासतें तो यूरोप के कई देशों से भी बड़ी थी। उनमें से कई रियासतें भारत के साथ मिलना चाहती थीं। कुछ रियासतें पाकिस्तान के साथ भी मिलना चाहती थीं। तो वहीं कुछ रियासतें स्वतंत्र भी रहना चाहती थीं। ये भारत की एकता और अखंडता के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं होता। सरदार पटेल ने उस चुनौती का सामना किया और उन सभी रियासतों को अपनी प्रबल राजनैतिक इच्छाशक्ति के दम पर भारत में विलय करा लिया।”
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रक्षा मंत्री ने मेजर बॉब खातिम पर कही ये बात- रक्षा मंत्री ने फरवरी 1951 में मैकमोहन रेखा (भारत-चीन सीमा रेखा) तक भारतीय प्रशासन की स्थापना में मेजर बॉब खटिंग की महत्वपूर्ण भूमिका को याद कियाउन्होंने कहा, “हमारे पास एकता पुरुष के रूप में मेजर बॉब खातिम का उदाहरण भी है। बिना किसी प्रतिरोध और रक्तपात के, अपनी कूटनीति और स्थानीय समुदाय को साथ लेकर उन्होंने सुनिश्चित किया कि तवांग भारत का हिस्सा बना रहे। 14 फरवरी, 1951 एक ऐतिहासिक दिन है, जब उन्होंने तवांग में तिरंगा फहराया और नागा हिल्स और एनई फ्रंटी एजेंसी में उग्रवाद को खत्म करने में भी भूमिका निभाई।”
कई अधिकारी रहे मौजूद- इस कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के. टी. परनायक (रिटायर्ड), मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पूर्वी कमान के ‘जीओसी-इन-सी’ लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी, 4 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद थे।