Arvind Kejriwal writes RSS : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर पांच सवाल पूछे जो उन्होंने रविवार की रैली में उठाए थे।उन्होंने जो प्रश्न पूछे वे राजनैतिक सॉफ्टबॉल थे लेकिन भागवत को अपने नए राजनैतिक आख्यान में लाने का निहितार्थ नया और असामान्य है।
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लालकृष्ण आडवाणी पर दिया बड़ा बयान- केजरीवाल जानना चाहते थे कि क्या आरएसएस पार्टियों को तोड़ने और विपक्षी सरकारों को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने और “भ्रष्ट” नेताओं को अपने पाले में शामिल करने की बीजेपी की राजनीति से सहमत है।केजरीवाल ने भागवत से ये भी पूछा कि क्या सेवानिवृत्ति की आयु पर बीजेपी का नियम मोदी पर भी लागू होगा जैसा कि लालकृष्ण आडवाणी पर लागू होता है।
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भागवत से पूछे ये सवाल- उन्होंने भागवत से सवाल किया कि क्या वे राजनेताओं को “भ्रष्ट” कहने और फिर उन्हें अपने पाले में शामिल करने की बीजेपी की राजनीति से सहमत हैं।एक दूसरे सवाल में अरविंद केजरीवाल ने भागवत से पूछा कि उन्हें कैसा महसूस हुआ जब बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी को आरएसएस की जरूरत नहीं है, जो भगवा पार्टी का वैचारिक गुरु है।उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या आरएसएस प्रमुख बीजेपी की मौजूदा राजनीति से संतुष्ट हैं।
