Punjab: अमृतसर में अटारी बॉर्डर से पाकिस्तानी नागरिकों के स्वदेश लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए ‘भारत छोड़ो’ नोटिस जारी कर दिया है। सार्क वीजा रखने वालों के लिए अंतिम तारीख 26 अप्रैल थी, जबकि मेडिकल वीजा वालों को 29 अप्रैल तक स्वदेश लौटना था।
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मजबूरी में वापस जा रहे कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने अपनी दुखभरी कहानी सुनाई। उन्होंने पहलगाम हमले की निंदा की और अपराधियों के लिए कड़ी सजा की मांग भी की, लेकिन साथ ही इस बात पर दुख भी जताया कि आम नागरिकों को कुछ भी गलत न करने के बावजूद पाकिस्तान लौटने पर मजबूर किया जा रहा है। हाल ही में शादी करने वाले एक जोड़े ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों से साथ रहने की अनुमति देने की गुहार लगाई थी लेकिन उनकी अपील को खारिज कर दिया गया।
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दरअसल समरीन के पति मेजवां भारतीय नागरिक हैं जबकि समरीन पाकिस्तानी नागरिक हैं। इन दिनों समरीन गर्भवती हैं, बावजूद इसके उन्हें पाकिस्तान भेजा जा रहा है जिससे उनके पति बेहद परेशान हैं। एक दशक पहले शादी करने वाले एक जोड़े ने बताया कि कई सालों तक अलग रहने के बाद वे फिर से एक हुए थे लेकिन अब उन्हें फिर बिछड़ना पड़ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक 24 से 27 अप्रैल के बीच अटारी-वाघा सीमा के ज़रिए 537 पाकिस्तानी नागरिक भारत से चले गए हैं इनमें नौ राजनयिक और अधिकारी भी शामिल हैं। 12 श्रेणियों के अल्पकालिक वीज़ा धारकों के लिए बाहर निकलने की समयसीमा रविवार को समाप्त हो गई। समयसीमा समाप्त होने के बाद भी कुछ पाकिस्तानी नागरिक अभी भी स्वदेश नहीं लौट पा रहे हैं क्योंकि उनके अपने भारत में जो छूट रहे हैं।