चरखी दादरी(प्रदीप साहू): किसानों की अधिग्रहित जमीन का कानूनी मुआवजा की जिद्द के चलते ग्रीन कारिडोर 152डी नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है, जिला के गांव खातीवास के 439 किसानों की करीब 70 एकड़ अधिगृहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग पर किसान अड़े हुए हैं।
हालांकि प्रशासनिक अधिकारी किसानों को समझाने भी पहुंचे बावजूद इसके किसान कानूनी मुआवजा मिलने के बाद ही निर्माण कार्य करने की मांग पर अड़े रहे और वहीं अधिकारियों ने सरकार से वार्ता करवाकर समाधान करवाने का आश्वासन दिया है,किसानों ने अधिगृहीत जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलने पर रोष भी जताया।
बता दें कि सरकार की ओर से 2018 में ग्रीन कोरिडोर नेशनल हाईवे 152डी के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। कुछ गांवों के किसानों ने सरकार पर उचित मुआवजा नहीं देने के आरोप लगाए थे, इनसे खातीवास गांव के किसान भी थे। मुआवजा बढाने की मांग को लेकर सालभर किसानों का धरना भी चला, सरकार की ओर से मुआवजा राशि बढ़ाने के बाद ही किसानों ने धरना समाप्त किया था और वहीं गांव खातीवास के किसान बढ़े हुए मुआवजा से सहमत नहीं हुए और किसी भी किसाने निर्धारित मुआवजा नहीं लिया। ऐसे में करीब चार किलोमीटर का क्षेत्र में नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य रूका हुआ है।
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ग्रामीणों को समझाने के लिए एसडीएम डा. विरेंद्र सिंह व डीएसपी जोगेंद्र सिंह किसानों के बीच पहुंचे, किसानों के साथ अधिकारियों की करीब दो घंटे चली वार्ता विफल रही, इस दौरान किसानों ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि कानूनी रूप से किसानों का जो मुआवजा मिलता है, वह मिलेगा तो ही निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा।
ऐसे में अधिकारियों ने सरकार से बात कर किसानों की समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया। इस दौरान किसानों ने अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा की मांग को लेकर रोष भी जताया, वहीं किसान नेता अनूप सिंह ने कहा कि हम उपायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक को 46 बार पत्र लिख चुके है, सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, एनएचआई चीफ, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को भी पत्र द्वारा अवगत करवा चुके, लेकिन आज तक समस्या का कोई समाधान नही हुआ है, अगर उचित मुआवजा नहीं मिलता है तो वे कड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे।
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