(अजय पाल)Dussehra 2023:विजयदशमी का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है।हिदूं पंचांग के अनुसार हर वर्ष शारदीय नवरात्रि के समापन के बाद अगले दिन विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है।दुर्गा पूजा के 10 वें दिन मनाई जाने वाली विजयादशमी असत्य, अहिंसा, बुराई पर सत्य ,धर्म और अच्छाई की विजय का प्रतीक है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने अधर्म,अत्याचार और अन्याय के प्रतीक रावण का वध किया था और लंका पर विजय प्राप्त की थी। शाम के समय रावण,कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले का दहन किया जाएगा।
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विजयादशमी का महत्व -बता दे कि दशहरे की पूजा विधि विधान के साथ करे।वैदिक शास्त्रों के अनुसार विजयादशमी पर मां दुर्गा के साथ देवी अपराजिता की पूजा करने का विधान होता है।विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा, दुर्गा पूजा,भगवान राम की पूजा और शमी पूजा का काफी महत्व माना गया है।इस साल रावण दहन 24 अक्टूबर के दिन मंगलवार को किया जाएगा । दशहरे के अवसर पर गाडी, इलेक्ट्रॉनिक सामान,सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।
शस्त्र पूजा में शामिल होंगे रक्षा मंत्री –रावण के पुतले बनकर तैयार है। आज दशहरे के मौके पर दिल्ली में जगह जगह रावण , कुंभकरण ,मेघनाथ वध का मंचन होगा। वहीं दिल्ली में द्वारका सेक्टर 11 में रावण के पुतलों के साथ तस्वीरें खिंचवाते लोग नजर आए।राजधानी दिल्ली में बड़े स्तर पर रामलीला मंचन कार्यक्रम मे शामिल होने के लिए मंगलवार को नेताओं का जमावड़ा लगेगा।वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश के तवांग में आज सुरक्षाबलों के साथ दशहरा मनाएंगे और शस्त्र पूजा करेंगे।
पूजा मुहूर्त – दशहरा में पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर के 03 बजकर 18 मिनट तक है। इस समय में शस्त्र पूजा भी कर सकते हैं।
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