Ukraine Russia Conflict: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को रूस और यूक्रेन के नेताओं से फोन पर अलग-अलग बात की और ऐलान किया कि दोनों देशों के बीच जारी युद्ध को रोकने के लिए जल्द ही बातचीत शुरू होगी। रूस यूक्रेन के बीच तीन साल से चल रहे युद्ध के खत्म होने से भारत समेत कई देशों के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक, कूटनीतिक और रणनीतिक फायदे होंगे। भारत अपनी तेल की खपत का ज्यादातर हिस्सा आयात करता है। रूस यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही उसे छूट वाले रूसी कच्चे तेल से काफी फायदा मिला है...Ukraine Russia Conflict
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पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के मुताबिक मार्च में भारत के कुल कच्चे तेल आयात में रूस का हिस्सा 36 फीसदी था। ऐसे में युद्ध विराम से वैश्विक तेल की कीमतें स्थिर हो सकती हैं और सप्लाई चेन में सुधार हो सकता है। इससे रूस को तेल का निर्यात ज्यादा आसानी से करने में मदद मिलेगी और पूरी उम्मीद है कि भारत की आयात लागत में और कमी आएगी।
रूस भारत को रक्षा उपकरण और हथियार भी मुहैया कराता है। यूक्रेन से जारी युद्ध ने रूस के रक्षा उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे भारत को महत्वपूर्ण उपकरण और स्पेयर पार्ट्स की डिलीवरी में देरी हो रही है। युद्ध विराम से रूस को अपन हथियार उत्पादन और डिलीवरी पर अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल सकती है जिससे भारत को सीधा फायदा होगा।
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हालांकि, रूस और यूक्रेन दोनों ही शांति के लिए अपनी अपनी शर्तों पर जोर दे रहे हैं। इसी वजह से अभी तक अस्थायी युद्धविराम भी नहीं हो सका है।पिछले शुक्रवार को तीन साल के बाद आयोजित पहली प्रत्यक्ष रूस-यूक्रेन शांति वार्ता दो घंटे से भी कम समय में खत्म हो गई थी। दोनों देश अभी भी युद्ध खत्म करने को अपनी अपनी जिद को पूरी करने पर अड़े हैं।