कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे शनिवार को फिर से शुरू हुआ। शनिवार सुबह करीब 8:15 पर 51सदस्यों की टीम मस्जिद के अंदर पहुंची और सर्वे का काम शुरू किया। इसके पहले मस्जिद प्रबंधन समिति ने संकेत दिया था कि वह स्थानीय कोर्ट द्वारा सौंपी गई टीम के साथ फिलहाल सहयोग करेगी।
मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब है और स्थानीय कोर्ट महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने रोजाना प्रार्थना की अनुमति मांगने की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
इससे पहले शुक्रवार को सभी संबंधित पक्षों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी और उनसे आयोग के काम और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की गई थी।
गुरुवार को अपने आदेश में, जिला सिविल कोर्ट (सीनियर डिवीजन) के जज रवि कुमार दिवाकर ने अजय कुमार मिश्रा को बदलने के लिए मस्जिद समिति द्वारा एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे उनके द्वारा ज्ञानवापी–गौरी श्रृंगार परिसर का सर्वे करने के लिए अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया गया था।
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जज ने आयुक्त को सर्वे में मदद करने के लिए दो और अधिवक्ताओं को भी नियुक्त किया और कहा कि इसे मंगलवार तक पूरा किया जाना चाहिए। इसके बाद शुक्रवार को जिलाधिकारी की ओर से हुई बैठक में हिंदू और मुस्लिम पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मौजूद थे।
साथ ही शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया। , हालांकि सुप्रीम कोर्ट सर्वे के खिलाफ एक मुस्लिम पक्ष की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हुई।
मस्जिद समिति की आपत्तियों के बीच पिछले हफ्ते सर्वे रोक दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि अधिवक्ता आयुक्त के पास परिसर के अंदर फिल्म बनाने का अधिकार नहीं है। समिति ने उन पर पक्षपात का आरोप लगाया और उन्हें बदलने के लिए याचिका दायर की।
हिंदू पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने कहा था कि कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन अधिवक्ता आयुक्त, दोनों पक्षों के पांच–पांच वकील और एक सहायक के अलावा एक वीडियोग्राफी टीम सर्वे करेगी।
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