West Bengal: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पश्चिम मिदनापुर के खेमाशुली रेलवे स्टेशन पर शनिवार यानी की आज 20 सितंबर को कुर्मी समाज के विरोध प्रदर्शन से पहले बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया। सुरक्षा बल के साथ जेल वैन, वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले भी मौके पर हैं, ताकि आंदोलन पर नियंत्रण रखा जा सके। West Bengal
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आदिवासी कुर्मी समाज ने झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बड़े हिस्से में रेल और सड़क जाम करने का ऐलान किया है। उनकी मांग है कि कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मिले और कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कुर्मी समाज के 20 सितंबर को प्रस्तावित रेल और सड़क जाम को असंवैधानिक और अवैध करार दिया है। अदालत ने रेलवे और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आम लोगों की आवाजाही प्रभावित न होने देने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
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ये आंदोलन पहली बार 20 सितंबर 2022 को शुरू हुआ था और करीब नौ दिन चला था। 2023 में भी ये विरोध 20 सितंबर से शुरू हुआ और सात-आठ दिन तक चला था। 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के कारण कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। इस बीच, संयुक्त आदिवासी संगठन के तहत कई आदिवासी संगठनों ने कुर्मी समुदाय की अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में शनिवार को राजभवन के पास प्रदर्शन करने का फैसला किया है। West Bengal