बदलते जमाने के साथ तकनीक और विज्ञान ने खोजे लोगों के झूठ को पकड़ने के नायाब तरीके

Lie Detector News: 

Lie Detector News: झूठ बोलने के लिए लोग तरह तरह का सहारा लेते है।वर्तमान समय में लोग दूसरो को खुश रखने के लिए और कई बार न चाहते हुए भी झूठ का सहारा लेते है। लेकिन क्या यह सही है? सच्चाई हर रिश्ते का महत्वपूर्ण आधार होती है।हाल में एक स्टडी की गईं जिसमें ये बात सामने आईं कि बहुत से लोग रिश्तों को ठीक रखने के लिए कभी-कभी झूठ बोलते हैं।

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झूठ बोलने की बढ़ी प्रवृत्ति- प्राप्त जानकारी के अनुसार लोग अक्सर इसलिए झूठ बोलते हैं,क्योंकि वे चाहते हैं कि घर या ऑफिस में काम पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। झूठ बोलने के पीछे एक प्रकार की सुरक्षा और संरक्षण की भावना हो सकती है। झूठ बोलने का मकसद कई बार रिश्तों को मजबूत और खुशहाल बनाना भी हो सकता है। कई लोगों का मानना है कि झूठ बोलने से भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचती, जिससे रिश्तों को स्थिर और मधुर बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

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1. पॉलीग्राफ टेस्ट का बढ़ा चलन– अपराधी का झूठ पकड़ने के लिए पुलिस अनेक बार पॉलीग्राफ टेस्ट का सहारा लेती है। पॉलीग्राफ टेस्ट के द्वारा अपराधी के हाव-भाव पसीने, हृदय गति और तनाव के स्तर को मापा जाता है। पॉलीग्राफ टेस्ट यानी झूठ पकड़ने वाली मशीन इसी सिद्धांत पर काम करती रही है।लेकिन बदलते समय के साथ झूठ को पकड़ने के लिए विज्ञान में  उन्नत तरीके खोज निकाले है। जिससे अपराधी की आंखें और जबान झूठ को पकड़ने में वैज्ञानिकों की सहायता कर  कर सकती है. आइए जानते हैं, झूठ पकड़ने के ये सबसे नए और चौंकाने वाले तरीके

2.डीपफेक का बढ़ा खतरा- सोशल मीडिया मे कई बार ऐसे फोटो व वीडियो सामने आते है। जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते है।बहुत ही आसान भाषा में कहें तो डीपफेक एक एडिटेड वीडियो होता है जिसमें किसी अन्य के चेहरे को किसी अन्य के चेहरे से बदल दिया जाता है।डीपफेक वीडियोज इतने  असली लगते है कि इन्हें आसानी से पहचान नहीं सकते। डीपफेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग की भी मदद ली जाती है।

3. आवाज से करे पहचान- जब कई बार लोग झूठ का सहारा लेते है तब उनकी आवाज़ में हल्का कंपन आ जाता है।आवाज के बोलने की गति बदल सकती है। वैज्ञानिक इसी आधार पर अंदाजा लगाकर यह पता लगाते है कि व्यक्ति झूठ बोल रहा है कि सच।

4.मस्तिष्क से करे पहचान- सच बोलता समय  मनुष्य का दिमाग एक खास प्रकार की प्रतिक्रिया देता है लेकिन  झूठ बोलते समय  मनुष्य को अधिक एनर्जी लगती है । और मनुष्य के हाव -भाव में बदलाव नजर आने लगता है।

5.पुतलियों में बदलाव होना- कई बार झूठ बोलने पर आंख की  पुतलियां फैल जाती हैं  और व्यक्ति को पसीना तक आने लगता है ।

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