विश्व जल निगरानी दिवस: जानिए जल निगरानी के लिए भारत सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए ?

जल

जल ही जीवन है, ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी लेकिन क्या कभी इसे समझने का प्रयास किया है। पानी सिर्फ हमारी जरूरत नहीं बल्कि हमारी जिंदगी है, ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि सुबह ब्रश करने से लेकर रात को सोने तक हमारे लगभग सारे ही काम पानी की मदद से पूरे होते हैं। अगर कुछ घंटों पानी ना मिले तो हम बैचेन होने लगते हैं।

धरती को अगर ब्रह्मांड से देखा जाए तो पानी के कारण नीली नजर आती है। तीनों लोको में   पानी फैले होने के कारण भी हम बाहर से बोतल का पानी खरीदते हैं क्योंकि नदियां-सागर, झीलें इतनी सारी होने के बाद भी स्वच्छ जल नहीं मिल पाता। पहले कहा जाता था कि अगर मन खराब हो तो नदी के किनारे बैठने से मन हल्का हो जाता है, लेकिन अब तो कुछ नदियों की हालात ऐसी हो गई है कि अगर आप अच्छे मन से भी जाएगें तो भी आपका मन खराब हो जाता है। इन स्त्रोतों को स्वच्छ रखने के लिए और जल निगरानी के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु प्रत्येक वर्ष 18 सितंबर को विश्व जल निगरानी दिवस मनाया जाता है।

Read Also: राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर भड़की कांग्रेस, पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

क्या है इस दिन का इतिहास?

अमेरिका के स्वच्छ जल फाउंडेशन (ACWF) द्वारा 2003 में वैश्विक शैक्षणिक आउट रीच कार्यक्रम के रूप में इसकी शुरुआत की गई। इसे पहले 18 अक्टूबर को मनाया जाता था। यह तारीख अमेरिका स्वच्छ जल अधिनियम के सम्मान में रखी गई थी। 18 अक्टूबर 1972 को कांग्रेस द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के जल संसाधनों को बहाल करने और रक्षा के लिए अधिनियमित किया गया था। 2007 में साथी देशों को बढ़ावा देने के लिए इसे 18 सितंबर कर दिया गया क्योंकि कुछ देशों में अक्टूबर के समय तक जल निकाय जम जाते हैं।

विश्व जल निगरानी दिवस 2024 का थीम-

इस वर्ष इस खास दिन का थीम रखा गया है- शांति के लिए जल। यह थीम इसलिए दिया गया क्योंकि वैसे तो जल हर जगह मौजूद है लेकिन कई बार किसी आपदा के कारण यह देशों और समुदाय के बीच तनाव का कारण बन सकता है। 3 अरब से ज्यादा लोग राष्ट्रीय सीमाओं को पार करने केलिए पानी पर निर्भर रहते हैं लेकिन 24 देशों के पास ही अपना साझा पानी है।

देश कीदुनिया में 18 प्रतिशत आबादी है लेकिन भारत के पास केवल 4 प्रतिशत ही जल संसाधन मौजूद है। पानी की किल्लत समय के साथ और अधिक बढ़ती जा रही है। अनियमित होते मानसून और जल संसाधनों में फैली गंदगी जल की किल्लत का कारण है। संयुक्त राष्ट्र जल विकास 2024 की रिपोर्ट ने भी इस बात पर प्रकाश ड़ाला है कि जल सुरक्षा को विकसित करना और उन्हें बनाए रखना भी जरूरी है। साथ ही जल सेवाओं को सभी तक पहुंचाना भी जरूरी है। देशों और समुदाय में शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए पर्याप्त जल का होना आवश्यक है।


जल निगरानी के लिए योजना-

किसी भी खास बैठक में जलवायु परिवर्तन और भूजल की किल्लत मुद्दों को उठाया जाता है। प्रत्येक देश में अपने स्तर पर कुछ योजना तैयार की जाती है ताकि इनको सुधारा जा सके। ऐसे हीभारत में भी कुछ सरकारी योजनाओं के तहत लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए और संरक्षितरखने के लिए कुछ योजनाएं तैयार की गई।

जल जीवन मिशन-यह 2019 में भारत सरकार द्वारा ग्रामीणों की जल आपूर्ति के लिए शुरू की गई एक खास योजना है। इस योजना के तहत ग्रामीण परिवार को कम से कम 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी उपलब्ध कराया जाता है। यह जल शक्ति मंत्रालय की सबसे बड़ी योजना है, जो मंत्रालय के कुल बजट का 70 प्रतिशत हिस्सा है।

Read Also: स्त्री 2 की सक्सेस से गदगद हुआ बॉलीवुड, सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बनी हिंदी फिल्म 

पानी बचाओ,पैसा कमाओ- यह योजना पंजाब में लागू की गई क्योंकि यहां ट्यूबवेल पानी का प्रयोग करके खेती की जाती है। इसी इस राज्य में इसलिए शुरू किया गया क्योंकि यहां खेती अधिक होने के कारण भूजल स्तर लगातार कम हो रहा था। विश्व बैंक की मदद से राज्य सरकार को भूजल संरक्षण को संरक्षित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई।

अटल भूजल योजना- यह योजना भारत के सात राज्यों में सक्रिय है। जो भूजल प्रबंधन को लेकर जागरूक करती है। यह दुनिया का सबसे बड़ा समुदाय-नेतृत्व वाला कार्यक्रम है। जो 2021-2022से 2024-2025 लागू की जा रही है।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *