कांग्रेस की मांग- आरएसएस-एबीवीपी को शिक्षण संस्थाओं में किया जाए प्रतिबंधित

कांग्रेस ने कई हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए आरएसएस-एबीवीपी को विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में प्रतिबंधित करने की मांग की है।इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा और एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने मध्य प्रदेश के मंदसौर स्थित सरकारी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य घटनाओं में आरएसएस-एबीवीपी की संलिप्तता को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की चुप्पी पर भी निशाना साधा।
लांबा ने मध्य प्रदेश के मंदसौर के एक सरकारी कॉलेज से सामने आई शर्मनाक घटना का जिक्र करते हुए भाजपा के नारे ‘बेटी बचाओ’ पर तंज कसा। उन्होंने बताया कि एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कपड़े बदल रही छात्राओं का एबीवीपी के चार छात्र नेताओं ने मोबाइल से वीडियो बनाया। उन्होंने आगे कहा की छात्राओं की शिकायत पर प्रिंसिपल ने
सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो उसमें एबीवीपी के छात्र एक-दूसरे के कंधे पर चढ़कर वीडियो बनाते दिखे।

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लांबा ने आरोप लगाया कि 14 अक्टूबर की इस घटना के बाद 15 तारीख को भाजपा नेता बेशर्मी से इन छात्रों के बचाव में उतर आए और उन्हें क्लीन चिट देने के लिए पत्र लिखा। उन्होंने कर्नाटक में 2023 में हुई ऐसी ही घटना का उल्लेख किया, जहां कांग्रेस सरकार ने एबीवीपी नेता प्रतीक गौड़ा के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की थी।
लांबा ने दिल्ली स्थित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में एक छात्रा के साथ हुई दुष्कर्म की घटना पर भी चिंता जताई और कहा कि इससे देश की छवि खराब हो रही है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से जवाबदेही की मांग करते हुए कहा कि इन घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कांग्रेस पार्टी इस लड़ाई को हर स्तर पर लड़ेगी।
वहीं एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ डूसू की पदाधिकारी और एबीवीपी की सदस्य द्वारा की गई बदसलूकी को लेकर तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अंबेडकर कॉलेज में डूसू की ज्वाइंट सेक्रेटरी दीपिका झा ने एक प्रोफेसर के मुंह पर थप्पड़ मारा, जिसका वीडियो पूरे देश के सामने है। इस दौरान दिल्ली पुलिस के अधिकारी और एबीवीपी-आरएसएस के लोग वहां मौजूद थे, लेकिन 24 घंटे बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वरुण चौधरी ने डीयू के कुलपति, दिल्ली की मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की कि दीपिका झा को तुरंत विश्वविद्यालय से निष्कासित किया जाए और प्रोफेसर को न्याय दिया जाए। उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या उन्होंने एबीवीपी के गुंडों के हाथ में डीयू को सौंप दिया है?

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वरुण चौधरी ने केरल के आईटी इंजीनियर आनंदु अजी द्वारा आत्महत्या किए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अजी ने अपने बचपन में आरएसएस शाखा में हुए यौन उत्पीड़न का खुलासा किया है, जिस पर कोई जांच नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि जब एनएसयूआई आरएसएस की सोच को चुनौती देती है, तो उनके कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। उन्होंने बनारस और छत्तीसगढ़ में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर झूठी एफआईआर दर्ज करने का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि आरएसएस-एबीवीपी की विचारधारा देश के संविधान और बेटियों की सुरक्षा के खिलाफ है। इसलिए इन्हें शिक्षण संस्थानों से प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने यह मांग भी की कि दिल्ली विश्वविद्यालय, साऊथ एशियन विश्वविद्यालय, केरल के आनंदु अजी के मामलों में निष्पक्ष जांच हो और दोषी पाए जाने वालों लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के साथ हुई हिंसा के खिलाफ एनएसयूआई विरोध प्रदर्शन करेगी और न्याय की मांग करेगी।

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