(सुनील जिंदल): हरियाणा सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए परिवार पहचान पत्र स्कीम के तहत गरीब लोगों को सरकारी सुविधाएं देने के लिए आय का लेखा-जोखा और प्रॉपर्टी का विवरण जोड़ा गया है। सरकार परिवार पहचान पत्र के जरिए मिलने वाली अन्य सरकारी सुविधाओं को भी जोड़ा गया है। मगर यह परिवार पहचान पत्र सरकार के गले की फांस बनती जा रही है। पहले इस परिवार पहचान पत्र में आय ज्यादा दिखाने के बाद बीपीएल परिवारों के राशन कार्ड बुढ़ापा पेंशन इत्यादि अन्य सुविधाएं बंद किए जाने का विरोध प्रदेश भर में हो रहा था। लेकिन अब बीजेपी के ही चेयरमैन पार्षद परिवार पहचान पत्र के जरिए सरकारी सुविधाओं को बंद किए जाने के विरोध में उतर आए हैं। Haryana samachar
गोहाना की नगर परिषद के सामने बीजेपी के पार्षदों और नगर परिषद चेयरमैन ने बीपीएल परिवारों के समर्थन में धरना शुरू कर दिया है, साथ में सरकार को चेतावनी दी है। अगर सरकार ने परिवार पहचान पत्र के जरिए जिन गरीब परिवारों आय ज्यादा दिखाई गई है। 4 साल में 9000 बिजली का बिल आने पर बीपीएल राशन कार्ड काट दिए गए, इसकी वह निंदा करते हैं। यह स्कीम सरकार ने परिवर्तन के लिए बनाई गई थी मगर जिस तरह से इसमें सर्वे में जो खामियां आई हैं, सर्वे में गरीब लोगों की आय ज्यादा दिखाई गई है।
जिसके चलते उन्हें जो सरकारी सुविधाएं मिलती थी वह बंद कर दी गई हैं यह वह गरीब लोग हैं जो मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं उनके लिए सरकारी सुविधाएं काफी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। अगर सरकार ने इन सरकारी सुविधाओं को बंद कर दिया है, जिसके कारण उनका गुजर बसर मुश्किल में पड़ गया है।
सरकार को कहना चाहते हैं कि परिवार पहचान पत्र में दोबारा से पार्षदों को साथ में लेकर यह सर्वे होना चाहिए। अबे करने वाले घर बैठे ही ऑनलाइन सर्वे किया गया है। गरीब लोगों की जो आए 180000 से कम है उनकी आय ढाई लाख से पांच लाख से भी ज्यादा दिखाई गई है। जिसके चलते हुए काफी हताश परेशान है बीपीएल गरीब परिवारों के लिए बीपीएल राशन कार्ड दोबारा से बनाए जाने को धरना शुरू किया है यह तब तक धरना खत्म नहीं होगा जब तक सरकार परिवार पहचान पत्र में इन गरीब लोगों की आय ठीक ना कर दे।
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बीजेपी की गोहाना नगर परिषद चेयरमैन रजनी विरमानी ने कहा कि यह मामला 4 और 5 का नहीं है बल्कि 4 से 5 हजार लोगों का मामला है। जिन परिवारों के राशन कार्ड काटे गए हैं वह गरीब लोग हमारे पास रोते बिलखते आते हैं जिन्हें देख नहीं पाते उनकी पीड़ा देखकर हमारी आंखें भी नम हो जाती हैं। पार्षदों ने आरोप लगाया कि सरकार ने जो यह स्कीम लागू की है परिवार पहचान पत्र इसमें जो सर्वे करवाया गया है। वह बिना पार्षदों की बातचीत किए बगैर घर बैठे ऑनलाइन किया गया है जिसमें गरीब लोगों की आय में काफी ज्यादा खामियां दिखाई गई है।
वहीं बिजली का बिल रुपया आने पर भी सरकारी सुविधाएं बंद कर दी गई है, जो सरासर गलत है। हम पार्षद गरीब लोगों के वोट से बनकर आए हैं। अगर हम गरीबों के साथ नहीं होंगे आएंगे तो कौन आएगा। सरकार से हमारी यही मांग है कि परिवार पहचान पत्र में आय संबंधित सर्वे दोबारा करवाया जाए और इन करीब लोगों को राशन कार्ड के साथ-साथ जो अन्य सुविधाएं बंद कर दी गई हैं। वह चालू की जाए यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक परिवार पहचान पत्र में आय ठीक न की जाए और इनके द्वारा से बीपीएल राशन कार्ड बनाए जाएं।