छह महीने तक लीबिया में फंसे होने के बाद 17 भारतीय दिल्ली एयरपोर्ट पर लौटे तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे इन सभी को लीबिया में एक सशस्त्र समूह ने छह महीने तक बंदी बनाकर रखा था बहुत बुरे हालात हैं सर, चार-चार, पांच-पांच दिन सर खाना नहीं मिलना, मार पिटाई होनी, पूरे दिन काम कराना, बहुत बुरे हालात हैं ये वैसी कंट्री है कि गोली मारकर बंदा दाब दो, कोई नहीं पूछता सर हमको बचाने वाले सिर्फ गुरुदीप जी और साहनी साहब हैं। जितना जोर साहनी साहब ने लगाया इतना कोई नहीं लगा सकता था एक एजेंट ने इन लोगों को इटली में नौकरी देने का वादा किया था लेकिन इसके बजाय उन्हें लीबिया में तस्करी कर ले जाया गया। सभी लोग पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं। तो मेरा बच्चा है रोहित कुमार जो एजेंट है उसने भेजा था, तो हमको कहा था कि दुबाई से सीधा इटली भेजेंगे, लेकिन उसने गलत रास्ते पर लीबिया डाल दिया, तो फिर बच्चे वहां परेशान थे, फिर हमने सरकार की मदद लेकर और गुरदीप सिंह, विक्रम साहनी की मदद से हमारे बच्चे हमारे हवाले पहुंच गए
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ट्यूनिस में भारतीय दूतावास ने इन लोगों को निकालने में अहम भूमिका निभाई स्वदेश वापसी की पूरी प्रक्रिया का समन्वय आप सांसद पद्मश्री विक्रमजीत सिंह साहनी की तरफ से किया गया है विक्रमजीत सिंह साहनी,सांसद आप जो हमारे 17 युवा ज्यादातर पंजाब से और हरियाणा से, इनको कोई ये जो ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जो एजेंसीज है जो उत्तरी भारत में बहुत सक्रिय हो रहे हैं।
एक एजेंट ने इन 16 बच्चों से 13-13 लाख रुपये उनके मां-बाप आए हैं डेराबस्सी से, पानीपत से, करनाल से, पंजाब से, लुधियाना से, 13-13 लाख रुपये लेकर इनको बोला कि इटली में हम आपको नौकरी दिलवाएंगे फिर दुबई ले गए,इजिप्ट ले गए और फिर लीबिया ले गए। लीबिया जैसी कंट्री में छोड़ दिया, आपको पता है हालात लीबिया में कैसे हैं साहनी ने दूसरे देशों में फंसे पंजाबी निवासियों को वापस लाने के लिए इस महीने की शुरूआत में मानव तस्करी विरोधी मिशन ‘होप’ की शुरूआत की थी। इस अभियान के तहत ओमान में 50 पंजाबी महिलाओं, तुर्किये में 17 लड़कों और लीबिया में 17 दूसरे लोगों को बचाया गया।
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